IND vs ENG: अभी तो इस बाज की असली उड़ान बाकी है, अभी तो इस परिंदे का इम्तेहान बाकी है……..

अभी तो इस बाज की असली उड़ान बाकी है,

अभी तो इस परिंदे का इम्तेहान बाकी है।

अभी अभी मैंने लांघा हैं समुद्रों को,

अभी पूरा आसमान बाकी है।

सौरभ गांगुली से शुरू हुई जीत की ज़िद आज विराट कोहली के टीम की आदत बन चुकी है। अंत तक हार ना मानने की ललक जो एक वक्त स्टीव वा और रिकी पोंटिंग की ऑस्ट्रेलियन टीम में थी, आज वही विराट के रणबांकुरो में झलकती है। ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर में अपने सेनापति के अनुपस्थिति में हराकर भारतीय टीम ने नए युग का शंखनाद किया था, जिसकी गूंज अभी तक इंग्लैंड में भी कायम है। इंग्लैंड में चल रही मौजूदा सीरीज में एक मैच को छोड़कर पूरी सीरीज में भारत ने इंग्लैंड को लाचार सा बना दिया है। भारतीय क्रिकेट टीम इतिहास बनाने से सिर्फ एक कदम दूर हैं। वह इतिहास जिसमे शामिल है कपिल देव का विश्वास, सुनील गावस्कर का जज़्बा, दादा की धमक, माही की रणनीति और विराट का एग्रेशन। दो महीने से पैंडेमिक के डर और बायो बबल के बीच भारत के इंग्लैंड दौरे की शुरुआत मन मुताबिक नहीं रही थी। वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के अंक तालिका में पहले स्थान पर काबिज भारत को न्यूजीलैंड के हाथों हार का सामना करना पड़ा था।

भारतीय ओपनर:

rohit and kl

वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल के हार को भुलाकर भारतीय टीम ने इंग्लैंड के सामने पहले  ही मैच में अपना दबादब कायम रखा। पहले मैच के आखिरी दिन भारत को 98 ओवर में 157 रन बनाने थे और 9 विकेट बचे हुए थे। निश्चित ही भारत को पहली जीत बहुत ही पास नजर आ रही थी पर इंग्लैंड की बारिश ने अपनी टीम को बचा कर एक और मौका दिया। मैच तो बारिश में धुल चुका था पर शुभमन गिल के प्रैक्टिस के दौरान चोटिल होने पर के एल राहुल पर दांव लगाना भारत को फायदेमंद साबित हुआ। राहुल ने पहले इनिंग में मुश्किल विकेट पर 214 गेंदों का सामना कर महत्वपूर्ण 84 रन बनाए और पहले विकेट के लिए लगभग 100 रनो की पार्टनरशिप की। 2007 के बाद ऐसा पहली बार हुआ जब भारत के दोनो ओपनरों ने एशिया के बाहर 100 से ज्यादा बॉल खेले। भारतीय टीम के लिए एक और पॉजिटिव था भारत के टेलेंडर, जहां 2018 में 9, 10 और 11वें नंबर के खिलाड़ियों का एग्रीगेट 20 था वहीं 2021 के पहले मैच के पहले इनिंग में बुमराह, सिराज और शमी ने 48 रनों का योगदान दिया। वहीं इंग्लैंड की बात करें तो कप्तान जो रूट और सीनियर गेंदबाज जेम्स एंडरसन के अलावा कोई भी खिलाड़ी बहुत प्रभावित नहीं कर सका।

बुमराह और शमी का कमाल:

https://twitter.com/BCCI/status/1427246702394761222?s=20

पहले मैच के फॉर्म को ही भारतीय टीम ने और बेहतर किया जिसकी शुरूआत फिर से भारतीय ओपनरों ने ही की। के एल राहुल (129) और रोहित शर्मा (83) के बदौलत भारत ने पहले इनिंग में 364 रन बनाए। इंग्लैंड की तरफ से एक बार फिर बारी थी कप्तान रूट के मोर्चा संभालने की जिसने नॉट आउट 180 रनो की पारी खेल कर इंग्लैंड को 28 रनों की महत्वपूर्ण बढ़त दिलाई। जवाब में भारत की दूसरी पारी लड़खड़ा सी गई और भारत खेल से बाहर होते हुए दिखने लगा। इसके बाद क्रीज पर आए भारत के 10वें और 11वें नंबर के बल्लेबाज शमी (56) और बुमराह (34) जिन्होंने ना सिर्फ भारत को खेल में वापस लाया बल्कि मोमेंटम भी अपनी टीम को तरफ मोड़ लिया। इसके बाद जो हुआ उसका रोमांच किसी भी आईपीएल मैच से कहीं अधिक था। भारत के गेंदबाजों के सामने इंग्लैंड का कोई भी बल्लेबाज़ टिक नहीं पाया। भारत ने 151 रनों की जीत के साथ श्रृंखला में 1-0 की बढ़त हासिल कर ली थी।

78 रन पर सिमट गयी पूरी टीम:

इंग्लैंड के लिए खतरे की घंटी बज चुकी थी और एक बार जीत का जिम्मा फिर से कप्तान रूट पर आया। सीरीज में पहली बार टॉस जीतकर कप्तान कोहली ने बल्लेबाजी चुना जो पूरी तरह गलत साबित हुआ और पूरी टीम 78 रनों पर आल आउट हो गई । रूट के शतक और हसीब और मलान के अर्धशतक से इंग्लैंड ने 432 रनो का पहाड़ खड़ा किया जिसके सामने भारत ने घुटने टेक दिए। इंग्लैंड ने पारी और 46 रनो की जीत के साथ सीरीज को 1-1 को बराबरी पर ला दिया था।

ऐतिहासिक जीत:

सीरीज का चौथा मैच दोनो ही टीमों के लिए बढ़त लेकर अपराजेय बनने के लिए बहुत ही जरूरी था। दोनो टीमों ने बराबरी का जोर लगाया। इंग्लैंड ने जहां अपनी टीम में जरूरी बदलाव किए वहीं भारत अपने कंट्रोवर्शियल टीम सलेक्शन के साथ मैदान पर उतरा। पहली पारी में फिर भारतीय टीम लड़खड़ा गई और इंग्लैंड को 99 रनों का बढ़त प्राप्त हो चुका था, पर इस बार बारी थी रोहित शर्मा (127) की कमान संभालने की। रोहित का साथ पुजारा (61),  पंत (50) और शार्दुल (60) ने दिया और 466 रन बनाकर इंग्लैंड को दबाव में ला खड़ा किया। बैटिंग पिच होने के बावजूद भी वही हुआ जो दूसरे मैच में हुआ था। ओपनर्स को छोड़ कर पूरी इंग्लैंड टीम दबाव में बिखर गई और भारत ने 157 रनों से जीत हासिल कर श्रृंखला में 2-1 से बढ़त हासिल कर ली।

इतिहास बनाने का मौका:

अब पूरे भारत या कहें पूरे एशिया को इंतजार है भारत को आखिरी टेस्ट मैच अपने नाम कर इतिहास बनाने का। सीरीज का नतीजा चाहे जो हो पर विराट और उनकी टीम ने यह साबित कर दिया है कि कोई भी परिस्थिति  और किसी भी देश में उनकी टीम जीतने का माद्दा रखती है।

 

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