IAS और IRS ने कोर्ट मैरिज करके दिया समाज को ये संदेश

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गाजियाबाद में एक आईएएस और आईआरएस जोड़े (IAS and IRS couple) ने तहसील में पहुंचकर कोर्ट मैरिज की है। कोर्ट मैरिज करने का सबसे बड़ा कारण समाज में फिजूलखर्ची रोकने के लिए यह प्रयास है।

आईआरएस राजस्थान के डर से रंजना और आईएएस यूपी कैडर से नवीन चंद्र ने एक सफल और एक अच्छा प्रयास कर समाज में बिना दान दहेज के शादी करने का बीड़ा उठाया है।

इस मामले में दंपति ने 10:30 बजे तहसील परिसर में पहुंचकर अपने शादी के लिए रजिस्ट्रेशन कराया, रजिस्ट्रेशन के बाद दोनों ने कोर्ट मैरिज कर समाज में एक अच्छा संदेश दिया है। नव दंपति ने कहा कि शादी में फिजूलखर्ची खर्ची का मामला लगातार ज्यादा चल रहा है।

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अक्सर हम लोग क्या करते हैं, हम 1000 लोगों की दावत देते हैं और दावत उन लोगों को देते हैं जो पहले से ही संपन्न होते हैं। हमारा प्रयास है कि समाज में गरीब तबके के लोग इस वजह से अपने बेटियों की शादी नहीं कर पाते और दहेज के कारण अक्सर ऐसे मामले समाज में देखे जा सकते हैं।

इसी की रोकथाम के लिए बिना दान दहेज के दोनों ने अपनी रजामंदी व परिवार की सलाह मशवरा के बाद कोर्ट मैरिज की है। गाजियाबाद में एक नव दंपति ने कोर्ट मैरिज कर एक अच्छा प्रयास किया है। दोनों ही नव दंपति आईएएस व आईआरएस के पद पर तैनात हैं।

और बिना दान दहेज के कोर्ट मैरिज कर शादी करने के मामले में समाज को एक अच्छा संदेश देने का भी प्रयास किया गया है। क्योंकि गरीब कन्याओं की शादी दान दहेज की वजह से नहीं हो पाती ।अगर हो भी जाती है तो आने वाले कुछ समय में दिक्कतों का सामना लगातार करना पड़ता है।

इसी वजह से समाज में संदेश देने के लिए कोर्ट मैरिज कर यह दिखाया गया है कि जब एक संपन्न परिवार के दो बड़े अधिकारी बिना दान दहेज के कोर्ट मैरिज कर सकते हैं, तो समाज में रहने वाले कमजोर तबके के लोग क्यों नहीं कर सकते।

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