गरीब की भूख है साहब.. आधार लिंक नहीं जानती
ये गरीब की भूख हैं साहब..ये किसी आधार कार्ड या नियम कानून को नहीं जानती। झारखंड में भूख से एक और मौत हो गयी हैं। जबकि प्रशासन पल्ला छाड़ रहा हैं। आपको बता दें कि बीते दिन झारखंड में कथित तौर पर भूख से मौत का एक और मामला सामने आया है।
डिप्टी कमिश्नर ने इस मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया
यहां देवघर जिले के भगवानपुर गांव में 62 वर्षीय रुपलाल मरांडी की भूख से मौत का दावा किया गया है। सरकारी अधिकारियों ने कहा है कि इस परिवार को सितंबर में पीडीएस से राशन मिला था। ऐसे में इनकी मौत भूख से नहीं हो सकती। हालांकि, देवघर के डिप्टी कमिश्नर ने इस मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया है।
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पिछले महीने की 28 तारीख को भी राज्य के सिमडेगा जिले में भूख से तड़प-तड़प कर एक बच्ची ने दम तोड़ दिया था। 11 वर्षीय बच्ची संतोषी के परिवार को आधार कार्ड से राशन कार्ड लिंक न होने कारण कई महीनों से पीडीएस का राशन नहीं मिल रहा था।
बिना पोस्टमार्टम कराए उनका अंतिम संस्कार करवा दिया था
बच्ची ने भात-भात की रट लगाते हुए दम तोड़ दिया था। इसके बाद पिछले हफ्ते राज्य के धनबाद जिले में भी एक 45 वर्षीय रिक्शा चालक बैजनाथ रविदास की भी कथित तौर पर भूख के कारण मौत हो गई। हालांकि जिला प्रशासन ने बैजनाथ की मौत का कारण बीमारी बताया था और बिना पोस्टमार्टम कराए उनका अंतिम संस्कार करवा दिया था।
दो दिनों से उनके घर में चूल्हा भी नहीं जला था
ताजा मामले में मृतक मरांडी की बेटी मानोदी मरांडी के अनुसार, उनके पिता के अंगूठे का निशान बायोमीट्रिक मशीन द्वारा नहीं पढ़े जाने के कारण पिछले दो महीने से उनके परिवार को पीडीएस के तहत मिलने वाला राशन नहीं दिया जा रहा था। मानोदी मरांडी के अनुसार, इस वजह से घर में अनाज का एक दाना भी नहीं था। पिछले दो दिनों से उनके घर में चूल्हा भी नहीं जला था। एक पड़ोसी ने थोड़ा भात दिया था, वही खाकर पूरा परिवार किसी तरह जीवित था।
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ऐसे में भूख से मौत की बात गलत है
यह खबर सामने आने के बाद इसको लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है। पूरे मामले की जांच कराने और दोषी को सज़ा देने की मांग की जा रही है। मरांडी परिवार के पड़ोसियों ने बताया कि कुछ महीने पहले रुपलाल के पैर में फ्रेक्चर हो गया था और इस कारण वह चल फिर नहीं सकते थे। उनको पिछले पांच दिन से खाना नहीं मिला था। देवघर के मोहनपुर ब्लॉक के विकास अधिकारी अशोक कुमार ने कहा कि इस परिवार को सितंबर महीने का राशन मिला था। ऐसे में भूख से मौत की बात गलत है।
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