transgender बनकर गुंडागर्दी करनेवाले दो किन्नर गिरफ्तार
बच्चा पैदा होने और शादी के मौकों पर पहुंचकर लोगों के साथ कर रहे लूटपाट
बम, पिस्टल, चाकू समेत तमाम हथियारों के बल पर लोगों को आतंकित कर लूट की वारदात को अंजाम देनेवालों से इतर हिंजड़े भी सामजिक मान्यताओं की आड़ में लूट, डकैतियां करने लगे हैं. शुभ और पारम्परिक मान्यताओं के आधार पर इन्हें महत्व देने वालों के साथ यह हिजडें जैसा व्यवहार की आड़ में अपराधिक घटनाएं कर रहे हैं. इससे इस समाज के प्रति लोगों की भावना पर विपरीत असर पड़ रहा है. वाराणसी के राजातालाब थाने की पुलिस ने दो किन्नरों को लूट, चोरी के मामले में गिरफ्तार किया है.
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वाराणसी के विभिन्न स्तर पर विकास की बहती धारा में किन्नर समाज जरायम के रास्ते पर बह गया. पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक वाराणसी के राजातालाब पुलिस ने किन्नर बनकर लूट करने वाले गिरोह के दो शातिरों को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस टीम ने इनके पास से घटना में प्रयुक्त बोलेरो और लूट के सामान बरामद बरामद किये हैं. पुलिस ने इनके खिलाफ धारा 380, 392 के तहत मुकदमा दर्ज कर उनका चालान कर दिया. गिरफ्तार हिंजड़ों में मऊ जिले के चिरैयाकोट थाना क्षेत्र के रौजा रसूलपुर की 40 वर्षीया नजमा पत्नी कलाम और दुल्लहपुर की 45 वर्षीया हजरून पत्नी मुमताज हैं. इनके पास से और निशानदेही पर चार पहिया बोलेरो, एक मंगलसूत्र, 2600 रुपये बरामद हुए.
धानापुर मे पैदा हुआ था बच्चा तो वहीं पहुंचे थे हिंजड़े
जानकारी के अनुसार धानापुर गांव के एक घर में बच्चा पैदा हुआ था. इसके बाद हिंजड़ा बनकर नजमा और हजरून उनके घर पहुंच गई. तमाम रश्मों रिवाज का हवाला देकर अपना पारम्परिक काम शुरू कर दिया. परिवार और आसपास के लोगों ने इन्हें अपने ही क्षेत्र का हिंजड़ा समझ उनसे व्यवहार किया. लेकिन यह हिंजडे वसूली पर ही अमादा थे. इनकी तमाम नौटंकियों से परेशान परिजनों ने इन्हें पाच सौ रूपये दिये. लेकिन हजारों लूटनेवाले इन हिंजड़ों के गिरोह का नागवार लगा. हिंजड़ों ने हंगामा कर दिया और घर में घुसकर आलमारी से एक सोने की चेन चोरी करके भाग गये. अमूमन हिंजड़े शुभ और आशीर्वाद देने की परम्परा के नाम पर रोज परिवारों को लूटते हैं. इनमें से अधिकतर लोग इनके खिलाफ मुकदमा नही दर्ज कराते और यह बच जाते हैं. सूत्रों का कहना है कि हर प्रमुख ट्रेनों में हिंजड़ों का गिरोह सवार होकर लोगों से वसूली करता हैं. मोहल्लों मे इन्होंने अपने इलाके का बंटवारा कर लिया हैं. लेकिन प्राचीन परम्परा के तहत आनेवाले हिंजड़ों को लोग अब भी यथोचित सम्मान देते हैं. लेकिन अब हिंजड़ों के लूट. डकैती जैसे मामलों में सलिप्त होने की खबरों के बाद अब इन पर से लोगों का भरोसा कम होने लगा है.