BHU की हॉस्टल क्षमता में 5000 सीटों की होगी वृद्धि-कुलपति प्रो. सुधीर जैन

कुलपति ने किया शिक्षकों से संवाद, उच्च शिक्षा सुधार की दिशा में बीएचयू की भूमिका को किया रेखांकित

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काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने कहा है कि देश में अन्य विश्वविद्यालयों का मार्गदर्शन करने में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की महत्वपूर्ण भूमिका है. शुक्रवार को स्वतंत्रता भवन में संकाय सदस्यों के साथ संवाद में कुलपति ने कहा कि बीएचयू द्वारा तय पैमाने देश के दूसरे संस्थानों के लिए मानदण्ड का काम कर सकते हैं.

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कुलपति ने विभिन्न मोर्चों पर विश्वविद्यालय द्वारा की गई प्रगति को रेखांकित किया और भविष्य की कार्ययोजना के बारे में बताया. कहा कि मौजूदा चुनौतियों का सामना करने और उच्च शिक्षा के निरंतर बदलते परिदृश्य के अनुरूप खुद को ढालने के लिए विश्वविद्यालय के लिए क्षमता विकास और क्षमता निर्माण अत्यंत आवश्यक है. हॉस्टल क्षमता में 5000 सीटों की वृद्धि पर बीएचयू प्रशासन काम कर रहा है

प्रतिभावान विद्यार्थियों, शिक्षकों और कर्मचारियों को बीएचयू में लाना आवश्यक

उन्होंने कहाकि संस्थान में उत्कृष्टता के अनुकूल वातावरण बनाने के लिए प्रतिभावान विद्यार्थियों, शिक्षकों व कर्मचारियों को बीएचयू में लाना और फिर उन्हे आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराना बहुत महत्वपूर्ण है. इस क्रम में विश्वविद्यालय में सुदृढ़ प्रशासनिक व्यवस्था, स्वस्थ कार्य संस्कृति ज़रूरी है. विश्वविद्यालय को अपने लक्ष्यों की पूर्ति के लिए कुशल सदस्यों की ज़रूरत होगी, जो एक सकारात्मक सोच व सहयोगात्मक रवैये के साथ कार्य करें. इसके लिए हमें अन्य संस्थानों के साथ साझेदारियां विकसित करने के साथ बाहरी विशेषज्ञों का भी सहयोग लेना होगा।

संकाय सदस्यों को देश से बाहर अनुसंधान की योजना हुई आरम्भ

करीब डेढ़ घंटे के उद्बोधन में कुलपति ने विश्वविद्यालय द्वारा उठाए गए अनेक विकासात्मक कदमों की प्रगति व प्रभावों की विस्तृत जानकारी दी. बताया कि विज़िटिंग फैकल्टी कार्यक्रम के तहत प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के 15 शिक्षाविदों समेत कुल 22 प्रख्यात प्रोफेसर्स को बीएचयू आने का न्योता दिया गया है. 250 से अधिक संकाय सदस्यों को अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठियों में सहभागिता के लिए 2.2 करोड़ रुपये का आर्थिक अनुदान स्वीकृत किया गया है. इसके अलावा 1348 शिक्षकों ने आईओई के तहत आरंभ प्रोफेशनल डिवेलपमेंट फंड से 14.8 करोड़ रुपये की राशि का उपयोग किया है. विश्वविद्यालय ने आईओई के अंतर्गत संकाय सदस्यों को एक वर्ष तक देश से बाहर किसी अंतरराष्ट्रीय संस्थान में अनुसंधान के लिए पूरी मदद देने की योजना भी आरंभ की गई है. इसमें अब तक दस शिक्षकों को मंज़ूरी दी जा चुकी है. साथ ही 83 संकाय सदस्यों ने आईआईएम एवं आईआईटी में नेतृत्व विकास कार्यक्रमों में प्रतिभागिता की है. इतना ही नहीं, पिछले लगभग 15 महीनों में 500 प्रशासनिक कर्मियों को 6000 घंटों का कौशल विकास प्रशिक्षण दिया गया है.

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3,500 से अधिक छात्रवृत्तियां आरंभ करने का लक्ष्य

कुलपति ने बताया कि विद्यार्थी कल्याण, नेतृत्व विकास, परामर्श सेवाओं के साथ नई छात्रवृत्तियां आरंभ करने के प्रयास किये जा रहे हैं. इसके तहत 15 पीएचडी शोधार्थियों को विदेशों के अंतरराष्ट्रीय संस्थानों में एक सेमेस्टर तक अनुसंधान के लिए अनुदान की अनुमति प्रदान की गई है. इस योजना के तहत 23 शोधार्थियों के भारत के संस्थानों में एक सेमेस्टर बिताने की मंज़ूरी मिली है. 203 पीएचडी स्कॉलर्स को विदेश में शोध पत्र प्रस्तुत करने के लिए अनुदान दिया जा रहा है. इसके अतिरिक्त टीच फॉर बीएचयू योजना से 125 पीएचडी शोधार्थी लाभान्वित हुए हैं, जबकि 320 परास्नातक विद्यार्थियों को सर्वपल्ली राधाकृष्णन इंटर्नशिप प्राप्त हुई है. प्रतिदान योजना के तहत विश्वविद्यालय ने 25,000 रुपये वार्षिक की 300 नई छात्रवृत्तियां आरंभ की हैं. विश्वविद्यालय के लिए 3,500 से अधिक छात्रवृत्तियां आरंभ करने का महत्वकांक्षी लक्ष्य रखा है.

5000 विद्यार्थियों के छात्रावास सुविधा का होने जा रहा विस्तार

कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय में ढांचागत सुविधाओं के विकास की एक वृहद योजना पर कार्य किया जा रहा है. इस योजना के तहत 5000 विद्यार्थियों के लिए छात्रावास सुविधा का विस्तार होने जा रहा है. 330 आवासों का नवीनीकरण हो रहा है. वर्तमान शैक्षणिक भवनों की मरम्मत की जा रही है. इसके साथ ही कक्षाओं, प्रयोगशालाओं और कार्यालयों का आधुनिकीकरण किया जा रहा है. इस दौरान काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. राकेश भटनागर, राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन संस्थान से प्रो. मनीषा प्रियम और आईआईटी कानपुर से प्रो. अजित चतुर्वेदी विशेष रूप से उपस्थित रहे.

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