Holi Festival: होली रंगों का त्योहार होता है जिसे बड़े ही धूम-धाम के साथ मनाया जाता है. हर साल की तरह इस साल होली का त्योहार 2025 14 मार्च को मनाया जा रहा है. भारत में होली का खुमार जबरदस्त छाया हुआ है. चाहे दुकान हो या गली-मोहल्ला चारो तरफ लोगों के ऊपर रंग का उत्साह देखने को मिल रहा है. जहां होली के रंग में डूबे सभी लोग एक-दूसरे को रंग-गुलाल लगा रहे है. क्या बड़े और बूढ़े, हर कोई ढोल-नगाड़ों की धुन पर मस्तमग्न हो उठा है. कोई गुझिया खाने में व्यस्त है तो कोई होली के रंगारंग गीत की धुन पर मस्त है. होली उत्सव का ये नजारा बड़ा ही रंगारंग नजर आ रहा हैं.
भारत देश अपनी संस्कृति को लेकर काफी मशहूर है. जहां त्योहार मनाने का हर किसी का अपना-अपना अंदाज होता हैं. होली अपने आप में ही काफी मशहूर है इस दिन कई तरह के स्वादिष्ट और लजीज पकवान बनाए जाते हैं. गजब की बात तो ये है कि इस होली पर्व की मस्ती में इस कदर डूबे रहते हैं कि हर कोई रंगीन नजर आने लगता है. खुशियों से भरा होली का त्योहार जीवन में खुशियों का रंग भर देता है. होली रंग-गुलाल और अबीर से खेली जाती है. मगर क्या आपको बता है कि गोला-बारूद से भी होली खेली जाती है. गोला-बारूद राजस्थान के उदयपुर में रंग के बजाय गोलियों से होली खेली जाती है, जो काफी अनोखी और उत्साह से भरी होती है.
उदयपुर का सबसे खतरनाक होली उत्सव
सबसे हैरानी की बता ये है कि उदयपुर के इस खतरनाक होली उत्सव का हिस्सा बनने के लिए देश से लेकर विदेशों से भी लोग शामिल होते हैं. ये परंपरा यहां पांच सौ सालों से चली आ रही है, जो सुनने में जितनी ही खतरनाक होती हैं उससे कहीं ज्यादा दिलचस्प भी. जी हां, पूर्वजों की याद में मनाई जाने वाली ये होली काफी खास होती हैं. बता दें, उदयपुर में बसे मेनार गांव की ये होली परंपरा जो अब काफी प्रचलित हो चुकी है. यहां पर खतरनाक होली मनाने के लिए दुनियाभर में ये गांव बर्ड विलेज के नाम से मशहूर भी हो चुका है. इस होली के मनाने के पीछे का राज उनके पूर्वज है जिनकी बहादुरी को याद करते हुए गोली-बारूद के साथ होली का त्योहार मनाया जाता हैं.
ढोल-नगाड़ों की थाप पर होली पर्व पर हवाई फायरिंग
हालांकि, मेनार गांव के इतिहास की बात करें तो यहां के ग्रामीणों द्वारा मुगलों की सेना को शिकस्त देने की याद में भी गोला-बारूद की होली मनाए जाने की परंपरा है. बता दें, कि मेनार गांव में इस साल 13 मार्च को होलिका दहन की पूजा की जाएगी. इसके बाद 14 को धुलंडी और 15 को जमरा बीज मनाया जाएगा. वहीं होली पर्व के दिन पांच हांस मोहल्ले के लोग मेवाड़ी योद्धा की पोशाक में तैयार होकर ओंकारेश्वर चौक पर इकट्ठा होंगे. इस दौरान ढोल-नगाड़ों की थाप पर हवाई फायर किए जाएंगे और तोप से गोले छोड़े जाएंगे. इससे भी खास बात तो ये है कि आधी रात को योद्धाओं के बीच तलवारबाजी करते हुए होली उत्सव का जश्न मनाया जाएगा. होली पर्व का ये नजारा बड़ा ही सुंदर होता है.