Holi 2025: होली खुशियों का त्यौहार है. इस त्यौहार को लेकर देश के कोने- कोने में कई तरह की प्रथाएं और मान्यताएं हैं. दूसरी ओर यूपी का एक ऐसा जिला है जहां केवल होली खेलने की अनुमति महिलाओं को है न की पुरुषों को. यह आपको सुन कर अचम्भा लगा न लेकिन यह सच्चाई है. यह गांव है कुंडौरा जहां महिलाएं होली खेलती हैं न कि पुरुष. इस गांव में सब कुछ उल्टा होता है.
तो चलिए जानते हैं यहां पर ऐसा क्यों …
हमीरपुर की सालों पुरानी परंपरा…
कुंडौरा गांव में करीब छह दशकों से भी ज्यादा समय से महिलाओं द्वारा अनूठी होली खेलने की परंपरा है. जब महिलाएं होली खेलती हैं तो गांव के पुरुष घरों में कैद हो जाते हैं. परंपरा के अनुसार इस होली को पुरुष नहीं देख सकते हैं.
अजीबोगरीब परंपरा का तर्क…
इस परंपरा की पीछे ग्रामीणों का अजीबोगरीब तर्क है. ग्रामीणों का कहना है कि, 30 साल पहले होली के दिन गांव के रामजानकी मंदिर में जब गांव वाले फाग गा रहे थे कि तभी इनामी डकैत ने गांव के ही 50 वर्षीय शख्स की गोली मारकर हत्या कर दी थी. उसके बाद से गांव में होली मानना बंद कर दिया गया है.
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महिलाओं की कोशिश की बाद नहीं शुरू हुई होली…
कहा जा रहा है कि महिलाओं ने काफी कोशिश की गांव में होली का त्योहार फिर से शुरू हो जाए लेकिन गांव के पुरुषों ने महिलाओं की बात मानने से इंकार कर दिया. इसके बाद से महिलाओं ने होली खेलने का निर्णय लिया. सभी महिलाएं गांव में बने राम जानकी मंदिर में इकट्ठा हुईं और होली की सभी रस्मों को निभाते हुए इस त्योहार को मनाना शुरू किया.
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इस दिन गांव के बुजुर्गों से पर्दा करने वाली महिलाएं घूंघट नहीं करती हैं. वह टोली बनाकर ढ़ोल नगाड़ों के साथ नाचती गाती है. वहीं, दूसरी तरफ गांव के पुरुष होली नहीं देखते हैं, फाग खत्म होने के बाद ही घर को लौटते हैं.