Holi 2025: डोली का तीन दिवसीय पर्व कल से शुरू हो रहा है. होली के पहले दिन होलिका दहन का कार्यक्रम होगा. अब कहा जा रहा है कि होलिका दहन कब होगा तो आपको बता दने कि होलिका दहन कल रात 11 बजकर 26 मिनट से लेकर देर रात 12 बजकर 30 मिनट तक रहेगा. इसके बाद अगले दिन रंगोत्सव का त्यौहार मनाया जाएगा.
कब है होली…
रात में होलिका दहन होने के चलते अब लोगों के मन में सवाल यह है कि होली का रंग कब खेला जाएगा 14 या 15 को. तो बता दें कि इस बार होली का त्यौहार 14 को मनाया जाएगा. होली की तैयारी होलाष्टक से ही प्रारंभ हो जाती हैं. होलाष्टक 8 दिनों की वो अवधि होती है जिस दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं किये जाते. लोग होलाष्टक में होलिका जलाने के लिए लकड़ियां और अन्य सामग्री एकत्रित करना शुरू कर देते हैं. फिर होलिका दहन के दिन होलिका जलाने के बाद दूसरे दिन रंगवाली होली खेली जाती है.
होलिका दहन की पूजन विधि…
होलिका दहन के दिन सुबह जल्दी उठकर नहा धो लें. व्रत का संकल्प लेने के बाद होलिका दहन की तैयारी करें. जिस जगह पर होलिका दहन करना हो, उस जगह को साफ कर लें.
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यहां होलिका दहन की सारी सामग्री इकट्ठा कर लें. इसके बाद होलिका और प्रह्लाद की प्रतिमा बनाकर भगवान नरसिंह की पूजा करें. शुभ मुहूर्त के दौरान होलिका की पूजा करें और उसमें अग्नि दें.
इसके बाद परिवार के साथ होलिका की तीन बार परिक्रमा कर लें. फिर नरसिंह भगवान से प्रार्थना करते हुए होलिका की आग में गेहूं, चने की बालियां, जौ, गोबर के उपले आदि डालें. इसके बाद होलिका की आग में गुलाल और जल चढ़ाएं.
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होलिका की आग शांत होने के बाद उसकी राख को घर ले जाएं. इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है.
अगर आपके घर में वास्तु दोष है तो होलिका की राख को दक्षिण पूर्व दिशा (आग्नेय कोण) में रखें. इससे घर का वास्तु दोष दूर होता है. होलिका दहन की ज्वाला देखने के बाद ही भोजन करें.