HMPV Virus Impact: भारत में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के करीब 7 मामले सामने आ चुके हैं. इस वायरस की आहट के बीच 6 जनवरी को इंडियन स्टॉक मार्केट में भारी गिरावट देखने को मिली थी. लेकिन आज 7 जनवरी की सुबह सकारात्मक शुरुआत हुई. दोनों प्रमुख इन्डेंक्स बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी हरे निशान पर खुले. शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 422.62 अंकों की बढ़त के साथ 78,387.61 पर, जबकि निफ्टी 160.2 अंकों की तेजी के साथ 23,776.25 पर पहुंचा. हालांकि, ज़ोमैटो के शेयरों में 4% की गिरावट दर्ज की गई.
बता दें कि इंडियन स्टॉक मार्केट में बीते सोमवार (6 जनवरी) को बड़ा उतार-चढ़ाव देखने को मिला था. कारोबारी सप्ताह के पहले दिन बाजार की शुरुआत तो बढ़त के साथ हुई, लेकिन अंत तक भारी गिरावट आई. इस गिरावट से निवेशकों के बीच डर का माहौल बन गया. दोनों प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी (Nifty) में भारी गिरावट दर्ज की गई, जिससे निवेशकों की 8 लाख करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति डूब गई. मार्केट बंद होने पर सेंसेक्स 1258.12 अंक (1.58%) गिरकर 77,964.99 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 388.70 अंक (1.61%) गिरकर 23,616.05 पर पहुंच गया.
क्या हुआ बाजार में ?
सेंसेक्स: सोमवार को सेंसेक्स 50 अंकों की मामूली बढ़त के साथ खुला लेकिन दिनभर के कारोबार में यह 1440 अंक तक गिरा. अंत में 1258 अंक गिरकर 77,964.99 पर बंद हुआ.
निफ्टी-50: निफ्टी भी बढ़त के साथ खुला, लेकिन भारी बिकवाली के चलते 24,700 से नीचे फिसल गया और 388.70 अंक टूटकर 23,616.05 पर बंद हुआ.
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कौन-कौन से शेयर गिरे ?
सेंसेक्स की 30 कंपनियों में सिर्फ सनफार्मा, टाइटन और एचसीएल टेक के शेयर फायदे में रहे. बाकी बड़े शेयरों जैसे टाटा स्टील, एनटीपीसी, कोटक महिंद्रा बैंक, रिलायंस, एशियन पेंट्स, एसबीआई, नेस्ले इंडिया और एचडीएफसी बैंक के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई.
टाटा स्टील का शेयर सबसे ज्यादा 4% से ज्यादा गिरा.
गिरावट की वजहें:
1. HMPV वायरस का डर:
चीन के बाद भारत में भी HMPV वायरस के केस बढ़ते जा रहे हैं और अब तक क़रीब 7 मामले आ चुके हैं. इसके लक्षण कोविड-19 जैसे हैं, जिसमें बुखार, सर्दी-जुकाम और सांस लेने में दिक्कत होती है. इससे निवेशकों को 2020 जैसी महामारी का डर सताने लगा. कहा जा रहा है कि इस डर ने बाजार में बिकवाली का माहौल बना दिया.
2. डॉलर मजबूत, रुपया कमजोर:
डॉलर के मुकाबले रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर 85.82 पर पहुंच गया. डॉलर की मजबूती और रुपये की कमजोरी का असर आयात-निर्यात और सरकारी खजाने पर पड़ रहा है. उधर विदेशी निवेशकों ने भी भारी बिकवाली की, जिससे बाजार पर दबाव बढ़ा.
3. एशियाई बाजारों में गिरावट:
दक्षिण कोरिया को छोड़कर चीन, जापान और हांगकांग के बाजारों में भी कमजोरी दिखी. वैश्विक बाजार में गिरावट और मंदी के डर ने भारतीय बाजार पर भी असर डाला.
4. ग्लोबल इकोनॉमी में अस्थिरता:
अमेरिका में नई सरकार बनने वाली है. डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद संभालने वाले हैं. उनकी नीतियों को लेकर निवेशकों में चिंता बनी हुई है. अगर ट्रम्प कड़े फ़ैसले लेते हैं तो इसका असर शेयर मार्केट पर भी पड़ेगा.
5. कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें:
वायदा बाजार (future market) में कच्चे तेल की कीमत 43 रुपये गिरकर 6,330 रुपये प्रति बैरल पर रही. अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड और वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट कच्चा तेल हल्की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे. कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अच्छे संकेत नहीं है. कच्चे तेल के दामों में इजाफे का सीधा असर भारत पर पड़ेगा, जिससे महंगाई दर में बढ़ोतरी की संभावना रहेगी.
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निवेशकों को बड़ा नुकसान
दो दिन की बिकवाली के कारण निवेशकों को ₹12 लाख करोड़ का नुकसान हुआ. बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप घटकर ₹4,38,95,210 करोड़ रह गया.
दुनिया के बाजारों का हाल:
एशियाई बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी फायदे में रहा, जबकि चीन का शंघाई, हांगकांग का हैंगसेंग और जापान का निक्केई नुकसान में बंद हुए. हालांकि अमेरिकी बाजार सकारात्मक रुख के साथ बंद हुए.
सेक्टर्स पर असर
• पीएसयू बैंक सेक्टर: 4% से ज्यादा की गिरावट.
• मेटल, एनर्जी, रियलिटी और कमोडिटी सेक्टर: 3% से ज्यादा नुकसान.
• निफ्टी बैंक: 2.09% गिरकर 49,922 पर बंद.
• निफ्टी मिडकैप: 2.70% की गिरावट.
• निफ्टी स्मॉलकैप: 3.20% टूटा.
HMPV वायरस का डर, रुपये की कमजोरी, कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें और वैश्विक आर्थिक अस्थिरता ने भारतीय शेयर मार्केट को बड़ा झटका दिया है. हालांकि, बाजार में सुधार की उम्मीदें बनी हुई हैं. अगले कुछ दिनों में बाजार का रुख इन घटनाओं पर निर्भर करेगा.