विकास दुबे : इस तरह हिस्ट्रीशीटर ने ली थी राजनीति में एंट्री, अपराध से बनाई सत्ता में गहरी पैठ
उत्तर प्रदेश में कानपुर देहात के बिठूर थाना क्षेत्र में गुरुवार रात एक बजे दबिश देने गई पुलिस टीम पर फायरिंग करने वाला हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे पर 60 आपराधिक मामले दर्ज हैं।
साल 2001 में विकास दुबे व अन्य साथियों ने शिवली थाने के अंदर बीजेपी के श्रमराज्य मंत्री संतोष शुक्ला की हत्या की थी। इसके बाद उसने राजनीति में एंट्री लेने की कोशिश की थी।
कई हत्याओं में शामिल विकास दुबे-
हिस्ट्रीशीटर विकास कानपुर देहात के चौबेपुर थाना क्षेत्र के विकरू गांव का रहने वाला है। वह कानपुर नगर से लेकर कानपुर देहात तक लूट, डकैती, मर्डर जैसे जघन्य अपराधों को अंजाम देता रहा है।
साल 2000 में विकास ने शिवली थाना क्षेत्र स्थित ताराचंद इंटर कॉलेज के सहायक प्रबंधक सिद्धेश्वर पांडेय की हत्या कर दी थी। जिसमें उसे उम्र कैद भी हुई थी।
अपराध से बनाई सत्ता में गहरी पैठ-
विकास दुबे ने अपने अपराधों के दम पर पंचायत और निकाय चुनावों में कई नेताओं के लिए काम किया और उसके संबंध प्रदेश की सभी प्रमुख पार्टियों से हो गए।
2003 में शिवली थाने के अंदर घुस कर इंस्पेक्टर रूम में बैठे तत्कालीन श्रम संविदा बोर्ड के चैयरमेन, राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त भाजपा नेता संतोष शुक्ल को गोलियों से भून दिया था।
बसपा सरकार में चलता था विकास का सिक्का-
कहा जाता है कि साल 2002 में जब प्रदेश में बसपा की सरकार थी तो इसका सिक्का बिल्हौर, शिवराजपुर, रिनयां, चौबेपुर के साथ ही कानपुर नगर में चलता था।
साल 2018 में विकास दुबे ने अपने चचेरे भाई अनुराग पर जानलेवा हमला किया था। तब अनुराग की पत्नी ने विकास समेत चार लोगों को नामजद किया था।
साल 2000 में रामबाबू यादव की हत्या की जेल में साजिश रचने का आरोपी था। साल 2004 में केबिल व्यवसायी दिनेश दुबे की हत्या के मामले में भी विकास आरोपी है।
विकास ने राजनेताओं के सरंक्षण से राजनीति में एंट्री की और जेल में रहने के दौरान शिवराजपुर से नगर पंचयात का चुनाव जीत गया गया था।
25 हजार का इनामी है विकास दुबे-
जानकारी के अनुसार, इस समय विकास दुबे के खिलाफ 60 मामले यूपी के कई जिलों में चल रहे हैं।
पुलिस ने इसकी गिरफ्तारी पर 25 हजार का इनाम रखा हुआ था। हत्या व हत्या के प्रयास के मामले पर पुलिस इसकी तलाश कर रही थी।
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