मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने के मामले में आज SC में सुनावई, राज्य सरकार देगी जवाब
लंबे समय से हिंसाओं की आग में जल रहे मणिपुर में विवाद शांत होने के बजाय अब और गहराता जा रहा है। पिछले दिनों मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने का वीडियो वायरल होने के बाद मामले को सुप्रीम कोर्ट ने खुद अपने हाथ में ले लिया है।
मणिपुर मामले में आज होगी सुनवाई
मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा। शीर्ष अदालत ने मामले को खुद संज्ञान में लेते हुए केंद्र और राज्य सरकार से जवाब मांगा था कि उन्होंने मामले में क्या कार्रवाई की है। जिसपर केंद्र ने अभी तक कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया है। अब इस मामले में आज राज्य सरकार और केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के सवालों का जवाव देंगे।
केंद्र ने CBI को सौंपा केस
इससे पहले केंद्र सरकार ने गुरुवार को हलफनामा दायर कर बताया था कि इस मामले की जांच सीबीआई (CBI) को सौंप दी गई है। केंद्र ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि सरकार का दृष्टिकोण महिलाओं के खिलाफ किसी भी अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस का है। जिसके बाद मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र और मणिपुर सरकार को तत्काल उपचारात्मक, पुनर्वास और निवारक कदम उठाने और की गई कार्रवाई से अवगत कराने का निर्देश दिया था।
7 दोषियों की हुई है गिरफ्तारी
गृह मंत्रालय ने अपने सचिव अजय कुमार भल्ला के माध्यम से दायर एक हलफनामे में शीर्ष अदालत से उस मामले में दर्ज मुकदमे को मणिपुर के बाहर स्थानांतरित करने का भी आग्रह किया था। जिसमें अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस पर अपना जवाब दाखिल करते हुए केंद्र ने कहा कि मणिपुर सरकार ने 27 जुलाई 2023 के पत्र के माध्यम से सचिव, डीओपी एंड टी को मामले को आगे की जांच के लिए सीबीआई को सौंपने की सिफारिश की थी। इसे गृह मंत्रालय ने दिनांक 27.07.2023 के पत्र के माध्यम से सचिव, डीओपी एंड टी को विधिवत सिफारिश करते हुए जांच सीबीआई को स्थानांतरित कर दी जाएगी।
वीडियो देख SC भी हुआ शर्मिंदा
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह मणिपुर में उपद्रवियों द्वारा महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने और अश्लीलता की हदे पार करने वाला वायरल वीडियो वायरल हुआ था। सुप्रीम कोर्ट ने 20 जुलाई को इस घटना पर ध्यान देते हुए कहा था कि यह वीडियो आत्मा को झगझोरने वाला है। हिंसा को अंजाम देने के लिए महिलाओं का इस्तेमाल ‘संवैधानिक लोकतंत्र में बिल्कुल अस्वीकार्य’ है। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र और राज्य सरकार से जवाब मांगा था। अब इसी मामले में आज सुनवाई होनी है।
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