दलित को पीटते रहे दबंग और कहते रहे सरकार हमारी है तुम्हारा…

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उत्तर प्रदेश के बदायूं में दबंगों पर दलित को पेशाब पिलाने का आरोप है। पीड़ित का कहना है कि दबंगों ने उसे खेत काटने को कहा था लेकिन उसने जब मना कर दिया तो पेशाब पिला दिया और कहा कि इतना है कौन, सरकार ही उनकी है। दरअसल पीड़ित के परिवार का कहना है कि 23 अप्रैल को शाम पांच बजे विजय सिंह, पिंकू सिंह, शैलेंद्र सिंह और विक्रम सिंह (गांव के ठाकुर) ने सीताराम से उनकी बीस बीघा फसल की कटाई करने के लिए कहा।

जातिवादी शब्द कहे गए…

बीमारी की वजह से सीताराम ने इसके लिए मना कर दिया। इनकार की बात सुनकर गुस्साए ठाकुरों ने सीताराम से बुरी तरह मारपीट शुरू कर दी। जातिवादी शब्द कहे गए। सीता को गांव की चौपाल पर घसीटकर ले गए और नीम के पेड़ से बांध दिया। मूंछें उखाड़ दी और पेशाब पीने के लिए मजबूर किया गया।मामले में पीड़ित की पत्नी जयमाला ने बताया कि उसके नाबालिग बेटे ने ठाकुरों के सामने हाथ जोड़े कि वह उसके पिता को छोड़ दें लेकिन उनपर इसका कोई असर नहीं पड़ा।

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वह कह रहे थे, ‘इनका है कौन….सरकार हमारी।’ रिपोर्ट के मुताबिक इसके बाद जयमाला ने 100 नंबर पर फोन कर पुलिस से मदद की गुहार लगाई। सीताराम के छोटे भाई अनबीर वाल्मीकि ने बताया कि एक पुलिस टीम घटना स्थल पर पहुंची और सीताराम को आरोपियों को चगुंल से छुड़ाया और ठाकुर को वहां से भगा दिया। लेकिन बाद में उसी रात हमारे घर पर दोबारा हमला किया गया। हमने दोबारा पुलिस से मदद की गुहार लगाई।

आरोपियों को किया जा चुका है गिरफ्तार

इस बार पुलिस ने धारा (151 सीआरपीसी) के तहत विजय सिंह और सीताराम के खिलाफ केस दर्ज किया। हालांकि एक रात जेल में रखने के बाद पुलिस ने सीताराम को जमानत पर छोड़ दिया। मामले में राम गुलाम का आरोप है कि पुलिस ने उनके बेटे को धमकाया।दूसरी तरफ बदायूं के एसएसपी अशोक कुमार शर्मा ने बताया कि चार आरोपियों को बीते सोमवार को गिरफ्तार कर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

23 अप्रैल को तेजी से कार्रवाई नहीं करने के आरोप में हजरतपुर के एसएचओ को बर्खास्त कर दिया गया है। मामले में एफआईआर 29 अप्रैल को दर्ज की गई है। वहीं सीताराम के घर के पुलिस सुरक्षा बल को तैनात किया गया है। दूसरी तरफ एसएसपी ने बताया, ठाकुरों का कहना है कि सीताराम ने उनसे 6000 हजार एडवांस में लिए थे।’ हालांकि जब इंडियन एक्सप्रेस ने पीड़ित के परिवार से इस मामले बात की तो उन्होंने पैसे की बात से साफ इनकार किया है।

जनसत्ता

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