हाथरस : पीड़‍िता के परिवार और आरोपियों के बीच 23 साल पुरानी दुश्‍मनी की कहानी

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हाथरस कांड इन दिनों सुर्खियों में है। पीड़िता की मौत के बाद लखनऊ से लेकर दिल्ली तक सियासत गरमा गई है। जिस तरह से सभी विपक्षी दल एकजुट होकर योगी सरकार पर निशाना साध रहे हैं। उसके बाद सरकार पर इस मामले में कार्रवाई का दबाव बढ़ता जा रहा है।

यूपी के मुख्यमंत्री खुद पूरे मामले पर नजर रखे हुए हैं। इस मामले में ताजा अपडेट ये है कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने रेप और हत्या के इस मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं।

CM योगी

23 साल पुरानी दुश्‍मनी-

हाथरस कांड की पीड़िता के गांव से मिली जानकारी और खुफिया विभाग की रिपोर्ट की माने तो पीड़िता के परिजन और एक आरोपी परिवार की करीब 23 साल पुरानी दुश्‍मनी है।

इन रिपोर्ट्स की मानें तो उस वक्त पीड़िता के पिता ने एक आरोपी संदीप के पिता पर तब एससी/एसटी एक्‍ट और मारपीट की एफआईआर लिखाई थी।

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बता दें कि ठाकुर बहुल बूलघड़ी गांव में वाल्‍मीकी समाज के लोग गिनती के हैं। यहां ठाकुर समाज के दो गुट बताए जा रहे हैं। इसमें एक गुट के साथ वाल्‍मीकी समाज के लोग है तो दूसरा गुट आरोपियों के पक्ष में है।

दो गुट हैं ठाकुरों के-

अब तीन आरोपी इसी गुट के और एक ही परिवार के बताएं जा रहे हैं। एक आरोपी रामू है। रवि रामू के चाचा का बेटा है और संदीप का नजदीकी रिश्‍तेदार है।

ये सभी पीड़‍िता के पड़ोसी हैं। गांव से मिली जानकारी के अनुसार गुटबंदी की असल वजह एक प्‍लॉट पर मालिकाना हक है।

अकसर होता है विवाद-

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उस प्‍लॉट पर ठाकुरों के दोनों गुटों की नजर थी। इसे लेकर अकसर तनाव हो जाता था। जानकारी के मुताबिक, करीब 23 साल पीड़िता के पिता ने एक आरोपी के पिता और उसके भाई के खिलाफ एफआईआर लिखाई थी।

तब भी काफी तनाव रहा था, हालांकि बाद में समझौता हो गया था।

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