हर घर तिरंगा: जानें राष्ट्रीय ध्वज फहराने संबंधी नियम, बरतें ये सावधानियां
पूरे देश में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है. जिसके अंतर्गत पीएम नरेंद्र मोदी की अपील पर देश भर में ‘हर घर तिरंगा’ अभियान चल रहा है. इस अभियान के तहत घर-घर में राष्ट्रीय ध्वज फहराया जा रहा है. अभियान का परिणाम भी दिखाई दे रहा है. किसी ने मकान, किसी ने दुकान और किसी ने अपने वाहनों पर ही तिरंगा झंडा लगाया है. लेकिन, आपको झंडा फहराने के नियम भी जानने भी जरुरी हैं.
यहां जानिए तिरंगे झंडे से जुड़े नियम और सावधानियां…
– राष्ट्रीय ध्वज कटा और फटा ना होना चाहिए.
– राष्ट्रीय ध्वज साफ रहना चाहिए.
– राष्ट्रीय ध्वज को जमीन पर नहीं गिराना चाहिए और पानी में डुबोना भी नहीं चाहिए.
– राष्ट्रीय ध्वज का डंडा सीधा और मजबूत होना चाहिए.
– राष्ट्रीय ध्वज को फहराते समय उसके रंगो के क्रमों का ध्यान रखें.
– राष्ट्रीय ध्वज में केसरिया रंग ऊपर और हरा रंग नीचे की तरफ होना चाहिए.
– राष्ट्रीय ध्वज सम्मान की स्थिति में होना चाहिए, झुका हुआ बिल्कुल ना हो.
– राष्ट्रीय ध्वज पर कुछ भी लिखा और छपा नहीं होना चाहिए.
– राष्ट्रीय ध्वज के साथ अन्य कोई भी झंडा बराबर ऊंचाई पर और उसके ऊपर ना होना चाहिए.
– राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर या उसके डंडे पर किसी भी तरह के फूल, माला या प्रतीक चिन्ह ना होना चाहिए.
– राष्ट्रीय ध्वज को फहराने के बाद उसे समेटकर, सम्मान के साथ संभालकर घर पर ही रखें. सड़कों या कचरे में ना फेकें.
– राष्ट्रीय ध्वज अगर कट-फट या क्षतिग्रस्त हो जाये तो पूरे सामान के साथ उसका निपटान करें. उसको डस्टबिन या कूड़े में ना फेकें.
जानें तिरंगे झंडे के बारे में…
राष्ट्रीय ध्वज में केसरिया रंग- शक्ति, साहस, त्याग का प्रतीक है.
श्वेत रंग- शांति और सत्य का प्रतीक है.
हरा रंग- उर्वरता, समृद्धि, भूमि की हरियाली के साथ आशा और उमंग का प्रतीक है.
चक्र- देश के सतत प्रगति का प्रतीक है.
बता दें 20 जुलाई, 2022 से केंद्र सरकार ने तिरंगा ध्वज संहिता में बदलाव किया है. अब नियमानुसार तिरंगा दिन और रात दोनों समय फहराये जाने की अनुमति रहेगी. साथ ही अब पॉलिएस्टर और मशीन से बने राष्ट्रीय ध्वज का भी उपयोग किया जा सकता है. तिरंगा अगर 100 फिट की ऊंचाई से अधिक फगराया गया है तो दिन रात फहरा सकते हैं. रात में झंडे पर अच्छी रौशनी होनी चाहिए.