Gyanvapi: व्यासजी तहखाना मरम्मत मामले में सुनवाई, अगली date11 अप्रैल

माता शृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन को लेकर भी दाखिल की गई है याचिका

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Varanasi में ज्ञानवापी स्थित व्यासजी के तहखाने की मरम्मत के मामले में मंगलवार को जिला जज की अदालत में सुनवाई हुई. गौरतलब है कि जिला जज के आदेश से 31 जनवरी से पूजा पाठ शुरू है. इस मामले में हिंदू पक्ष के साथ मंदिर न्यास ने भी तहखाने की मरम्मत के लिए याचिका दाखिल की है. इस याचिका में तहखाने की छत पर नमाजियों की संख्या बढ़ने की वजह से दरार पड़ने का दावा किया गया है. जबकि मंदिर न्यास ने अनहोनी की आशंका जताई है. अदालत ने मामले की सुनवाई के बाद अगली सुनवाई के लिए 11 अप्रैल की तिथि निर्धारित कर दी है.

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ज्ञानवापी शृंगार गौरी मामले में मुख्य पक्षकार राखी सिंह की तरफ से जिला न्यायालय में दाखिल की गई दो याचिकाओं पर अपर जिला जज अनिल कुमार (पंचम) की अदालत में मंगलवार को सुनवाई हुई. राखी सिंह की ओर से पहली याचिका माता शृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन को लेकर दाखिल की गई थी. इसके बाद चार अन्य वदिनियां भी इस मामले से जुड़ गईं.

अन्य तहखानों को खोलने और सर्वे कराने की हुई है मांग

इस प्रकरण के बाद राखी सिंह ने कुछ और याचिकाएं दाखिल की हैं. इनमें से एक मामले में व्यास जी का तहखाना खुलने के बाद आसपास के अन्य आठ तहखानों के खोलने की भी मांग की गई है. इस मामले में न्यायालय में सुनवाई हुई. राखी सिंह की तरफ से ज्ञानवापी परिसर की छत पर मुस्लिम समाज को जाने से रोकने और वहां नमाज न पढ़ने की याचिका भी दाखिल है. वजह बताई गई है कि छत बहुत कमजोर है और दरारें पड़ गई हैं. वहां एकसाथ ज्यादा लोगों के जुटने और नमाज पढ़ने से अनहोनी हो सकती है. इस पर सुनवाई के बाद अदालत ने अगली तारीख 11 अप्रैल निर्धारित कर दी है. राखी सिंह के अधिवक्ता मन बहादुर सिंह और अनुपम त्रिवेदी ने ज्ञानवापी परिसर में मौजूद बंद तहखानों को खोलने की मांग करते हुए उनका सर्वेक्षण आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) से कराने की मांग की है.

गुप्त तहखानों में छिपे हैं कई राज

अन्य तहखानों के सर्वे मामले में भी सुनवाई हो रही है. मुकदमे के वादी की ओर से तहखानों के नक्शे दिये गये हैं और अन्य गुप्त तहखानों के भी होने की बात कही गई है. कहा गया है कि इनकी जांच जरूरी है. कोर्ट ने इस याचिका को का पिछले दिनों मंजूर कर लिया है. अदालत की ओर से दोनों पक्षों को सुनवाई के लिए नोटिस जारी की गई थी. हालांकि भगवान आदि विशेश्वर विराजमान मुकदमे के संरक्षक और वैदिक सनातन संघ के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह बिसेन का कहना है कि अभी ज्ञानवापी परिसर में कई राज छिपे हैं. अन्य तहखानों के खुलने के बाद और राज सामने आएंगे. इसके अलावा ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यासजी तहखाने की छत की मरम्मत और पुराने खम्भों के जर्जर होने के कारण नमाजियों को रोकने की याचिका राखी सिंह ने दाखिल की है.

पुजारी ने भी अदालत को दी थी जानकारी

गौरतलब है कि पिछले दिनों व्यासजी के तहखाने के पुजारी शैलेंद्र कुमार पाठक व्यास ने फोटोग्राफ भेजकर बताया था कि पूजास्थल के पास पत्थर से बनी दीवारें और छत पुरानी, जर्जर है. छत से लगातार पानी का रिसाव हो रहा है. छत पर लगे एक पत्थर की बीम में दरार पड़ गई है. इधर, व्यासजी के तहखाने में पूजा शुरू होने के बाद से ज्ञानवापी में नमाजियों की संख्या अचानक बढ़ गई है. इसके चलते छत पर दबाव बढ़ा है. पिछले 15 फरवरी को नमाज के समय एकत्र भीड़ के दबाव से छत में कम्पन हुआ और विग्रह चबूतरे के ठीक बगल एक पत्थर टूट कर गिर गया. ऐसी स्थिति में अनहोनी की आशंका बनी रहती है. लिहाजा पूजा स्थल के छत की अंदर से मरम्मत आवश्यक है. छत की जर्जर स्थित को देखते हुए बड़ी संख्या में लोगों के वहां एकत्र होने पर भी नियंत्रण की जरूरत है.

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