RBI ने लगाया गुजरात की 3 सहकारी बैंको पर जुर्माना, जानें वजह

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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गुजरात की 3 सहकारी बैंकों पर जुर्माना लगाया है. ये जुर्माना लगाया को-ऑपरेटिव बैंक ऑफ राजकोट लिमिटेड, गांधीधाम मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड और मेघराज नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड बैंकों पर लगाया गया है. नियमों का पालन न करने पर तीनों सहकारी बैंकों पर जुर्माने की यह कार्रवाई सोमवार को की गई है. बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे ज्यादा जुर्माना राजकोट के सहकारी बैंक पर लगाया गया है.

किन बैंको पर कितना जुर्माना…

राजकोट के सहकारी बैंक पर सबसे अधिक 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. जबकि बाकी दो पर 25 हजार रुपये (मेघराज नागरिक) और 50 हजार रुपये (गांधीधाम मर्केंटाइल) का जुर्माना लगाया गया है. राजकोट के सहकारी बैंक के लिए, आरबीआई ने कहा कि बैंक ने डिपॉजिटर्स एजुकेशन और जागरूकता फंड में 10 साल से अधिक समय से बकाया कई खातों में बैलेंस राशि को ट्रांसफर नहीं किया है. इसी आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया था, जिसमें उसे कारण बताने की सलाह दी गई थी कि आरबीआई द्वारा जारी निर्देशों का पालन न करने पर जुर्माना क्यों नहीं लगाया जाना चाहिए. बैंक के जवाब पर विचार करने के बाद बैंक नियामक इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि बैंक पर मोनेटरी फाइन लगाया जाना जरूरी है.

इसलिए लगा जुर्माना…

कच्छ स्थित गांधीधाम मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक के मामले में, आरबीआई ने पाया कि बैंक ने एक लोन अप्रूवल किया था, जिसमें उसके निदेशक के एक रिश्तेदार का ब्याज था और निदेशक का रिश्तेदार गारंटर के रूप में था. इसी तरह का उल्लंघन तीसरे बैंक मेघराज नागरिक के मामले में भी पाया गया था. बैंक नियामक ने कहा ‘बैंक ने 6 लोन मंजूर किए थे, जिसमें निदेशकों के रिश्तेदार ज़मानत/गारंटर के रूप में थे.’ बता दें बैंकों पर जुर्माने का ग्राहकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

गौरतलब है कि आरबीआई लगातार नियमों के अनुपालन में कमियों को लेकर बैंकों पर सख्ती दिखा रहा है. इससे पहले सितंबर में भी रिजर्व बैंक ने 3 सहकारी बैंकों पर जुर्माना ठोका था.

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