देवदीपावली पर भव्य लेजर शो और आतिशबाजी, काशी का पौराणिक इतिहास और विकास दर्शाएंगे
वाराणसी: काशी में देव दीपावली की छटा देखने के लिए लाखों की संख्या में पर्यटक देश और विदेश से आते हैं. इसको लेकर महीनों पहले से ही तैयारी शुरू हो गई है. विश्वप्रसिद्ध देव दीपावली 15 नवंबर को मनाई जाएगी. खास बात यह है कि यूपी सरकार ने इसे प्रांतीय मेले का नाम दिया है. इस बार की देव दीपावली को खास बनाने के लिए काशी विश्वनाथ धाम, गंगा द्वार के सामने रेती पर आतिशबाजी और चेतसिंह घाट पर लेजर लाइट शो होगा.
इसमें काशी के विकास के साथ पौराणिक धार्मिक महत्व को दर्शाया जाएगा. इसके अलावा दुनिया में काशी के सांस्कृतिक योगदान को दर्शाया जाएगा. आतिशबाजी में पटाखे पूरी तरह पर्यावरण के अनुकुल होंगे. आतिशबाजी तबले की थाप पर शिव स्तुति पर आधारित होगी, जो कि देव दीपावली का खास आकर्षण होगी.
पर्यटन विभाग के मुताबिक सभी सार्वजनिक भवनों के अलावा चौराहों को झालर से सजाया जाएगा. घाटों पर लगे सभी पोल पर स्पाइरल लाइट लपेटे जाएंगे. घाटों के अलावा शहर व गांव के सभी कुंडों और सरोवरों पर भी देव दीपावली मनाई जाएगी. सभी आयोजन समितियां इसकी तैयारी में जुट गई हैं. इस बार गाय के गोबर से निर्मित तीन लाख दीये जलाए जाएंगे. इन दीयों को भी तैयार किया जा रहा है. विभाग इस बार 12 लाख दीये जलाने की तैयारी कर रहा है. गंगा उस पार रेती को 48 सेक्टर में बांटा गया है. इसी के आधार पर दीये सजाए जाएंगे.
नाव और होटल की बुकिंग के लिए मारामारी
नाव और होटलों की बुकिंग, घाटों की साफ सफाई पर्यटकों के आवागमन संबंधित विषय को लेकर पर्यटन विभाग और स्थानीय प्रशासन की तरफ से तैयारियां जाँची और पररवी जा हैं. पर्यटन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर आर के रावत ने बताया कि इस बार घाटों पर दीपों के साथ हेरिटेज भवनों पर फसाड लाइट भी लगाई जाएंगी. बनारस के भव्य देव दीपावती को देखने के लिए लाखों की संख्या में पर्यटकों को पहुचने का अनुमान है. महीनो पहले से ही गंगा नदी में चलने वाले नाव और होटल की बुकिंग चालू हो गई है. नावों और होटलों की बुकिंग करीब करीब फुल हो चुकी है. होटल के कमरों का किराया भी अंधाधुन बढा दिया गया है.
देवदीपावली प्रांतीय मेला घोषित, आरपी घाट पर गंगा महोत्स व
माना जाता है कि इस दिन काशी के घाटों की भव्यता को साक्षात देवता गण निहारने आते हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि इस बार योगी सरकार ने काशी में होने वाले देव दीपावली को प्रांतीय मेला घोषित कर दिया है. इसकी घोषणा कमिश्नर कौशल राज शर्मा की अध्यक्षता में हुई गंगा महोत्सव और देव दीपावली की बैठक में लिया गया. इस बार देव दीपावली में काशी के लोगों की सहभागिता बढ़ाने पर फोकस किया जाएगा. तैयारियों के लिए स्थानीय लोगों के साथ बैठक कर रणनीति बनाई जा रही है. बातचीत के दौरान कमिश्नर ने कहा कि 12-14 नवंबर तक होने वाला गंगा महोत्सव आरपी घाट पर होगा.
इसमें वाराणसी के स्थानीय कलाकारों, काशी सांसद सांस्कृतिक महोत्सव के प्रतिभागियों के साथ ही बाहरी प्रतिभागियों को भी मंच दिया जाएगा. कमिश्नर ने कहा कि इस बार देव दीपावली का उद्देश्य जनसहभागिता बढ़ाना है. उन्होने कहा कि इसके लिए सिविल डिफेंस, रेड क्रॉस, गंगा सफाई समितियां और विभिन्न थानों की शांति समितियों के लोगों के साथ पांच हजार अन्य लोगों को जोड़ा जाएगा. वहीं, देव दीपावली महासमिति के अध्यक्ष वागीश शास्त्री ने महाआरती भी कराएंगे.
गंगा में नहीं होने देंगे ट्रैफिक जाम
गंगा में लगने ट्रफिक जाम को देखते हुए देव दीपावली पर गंगा में नौका संचालन के लिए दो अलग-अलग लेन तैयार की जाएगी. जेटी लगाकर गंगा में लगभग 6 किलोमीटर लंबी दो लेन बनाई जाएगी. आने और जाने वाली नावें और क्रूज अलग-अलग लेन का प्रयोग करेंगे. एनडीआरएफ, जल पुलिस की टीम नौका संचालन की निगरानी करेगी. जल पुलिस प्रभारी मिथिलेश यादव ने बताया कि अस्सी से नमो घाट तक गंगा में जेट्टी लगाकर दो लेन बनाई जाएगी. घाट की तरफ नौका चलेंगी. वहीं रेत की तरफ क्रूज का संचालन होगा.
गंगा में पर्यटकों की सुविधा को लेकर किसी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा. नाविकों ने कहा कि हम लोग नाव, बजड़ा और क्रुज में यात्रा करने वाले लोगों के लिए पानी, चाय, बिस्कुट और चिप्स खाने के लिए देंगे. लाइफ जैकेट और लाइफब्वाय लोगों को अनिवार्य रूप से दिया जाएगा. नाविक पर्यटकों को लाइफ जैकेट पहनने के बाद ही नाव पर बैठाएंगे. वहीं देव दीपावली को लेकर पर्यटकों के बीच बजड़ा व क्रूज की भारी डिमांड है. श्रवण मिश्रा ने बताया कि अस्सी घाट पर 1 लाख दीप जलाये जाएंगे और रंगोली भी बनाई जाएगी. इस बार देव दीपावली पर कोई भी सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं कराया जाएगा.