क्या ऐसे कहेंगे अतिथि देवो भव:

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देश की परम्परा है अतिथि देवो भव: की। हमारे देश में मेहमान को भगवान का दर्जा दिया जाता है। सरकार भी देश में पर्यटन को बढ़ावा देने की बात कहती है। तो दूसरी तरफ सरकार के दावो को तार तार करती एक घटना सामने आयी है जिसमें सैलानियों की सुरक्षा इंतजाम के किये जाने वाले सरकार के दावों की पोल खोलकर रख दी है।

रास्ते में लोग उनको अजीब नजरों से घूरते रहें

एक तरफ तो सरकार देश में पर्यटन के बढ़ावे के कसीदे पढ़ती नजर आ रही है। इस मामले ने सरकार के किए कराए पर पानी फेर कर रख दिया है। 30 सितम्बर को क्ववेटन जर्मनी अपनी महिला मित्र के साथ आगरा घूमने आए थे । इस दौरान रास्ते में लोग उनको अजीब नजरों से घूरते रहें। इन हरकतों को अनदेखा करते रहे, लेकिन ये बात इतने पर ही नहीं थमी आगरा का ताजमहल देखने के बाद वे फतेहपुर सिकरी पहुंचे।

लड़को ने सैलानियों के हाथ मारपीट शुरू कर दी

इस दौरान रेलवे स्टेशन पर कुछ लड़को ने उनका पीछा करना शुरु कर दिया। वहां लड़कों ने सैलानियों पर भद्दे कमेंट करना शुरु कर दिया। इसके बाद लड़को ने दोनो को रोक लिया और महिला के साथ सेल्फी लेने लगे। जब सैलानियों ने सेल्फी लेने का विरोध किया तो उन लड़को ने सैलानियों के हाथ मारपीट शुरू कर दी। लड़को ने सैलानियों को डंडे, पत्थर लात घूसों से जमकर पीटा। इतनी बुरी से पीटा कि सैलानियों का सिर बुरी तरह से फूट गया।

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व्यवहार विदेशी सैलानियों के प्रति अच्छा नहीं होता

इतना ही नहीं गम्भीर हालत में घायल पड़े सैलानियों को लोग तमाशबीन बनकर देखते रहे । जैसे तैसे सैलानियों को अस्पताल पहुंचाया गया। जहां उनका इलाज हुआ। जिसमें से क्ववेटन के सिर में फैक्चर हो गया जिससे खून जम गया तो उनकी महिला मित्र का हाथ टूट गया। सैलानियों के साथ हुई ये पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी कई हादसे हो चुके है। जिसमें छेड़छाड़ मारपीट से लेकर रेप और हत्या तक के मामले दर्ज है। अगर सैलानियों की माने तो लोग उनके साथ अजीब व्यवहार करते हैं। लोग उनके साथ फोटो तो खींचते हैं पर उनका व्यवहार विदेशी सैलानियों के प्रति अच्छा नहीं होता।

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पर्यटकों की संख्या में 40 वें नम्बर पर…

सरकार तो सुरक्षा का इंतजाम कर ले लेकिन इस दूषित समाज का क्या करेंगे जो देश में आने वाले सैलानियों के साथ अभद्रता और छेड़छाड़ करते हैं और कई घटनाओं को अंजाम देते है। विश्व में भारत पर्यटकों की संख्या में 40 वें नम्बर पर… आपको जानकर हैरानी होगी कि अन्य देश के मुकाबले भारत के पर्यटन उद्योग की हालात खस्ता है। अन्य देश के मुकाबले भारत में सैलानी कम ही आते हैं। अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटन की रिपोर्ट के अनुसार फ्रांस में सबसे अधिक पर्यटक आते हैं।

भारत में सिर्फ 88 लाख पर्यटक ही आते है

जबकि दूसरे नम्बर पर अमेरिका में 7.25 करोड़ पर्यटन आते है। जबकि स्पेन में 6.82 करोड़ पर्यटक आते है । तो वहीं चीन में 5.68 करोड़ सैलानी आते है। रसिया, जर्मनी और यूके में भी सबसे अधिक पर्यटक आते है। तुर्की में 3.94 करोड़, जर्मनी में 3.49 करोड़ और यूनाइटेड किंगडम में 3.44 करोड़ पर्यटक हर साल आते है। जबकि भारत में सिर्फ 88 लाख पर्यटक ही आते है।

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देश में पर्यटकों की संख्या इतनी कम क्यों हैं?

बड़ा सवाल ये है कि इतने बड़े भारत देश में पर्यटकों की संख्या इतनी कम क्यों हैं? इन आंकड़ों से साफ हैं कि देश में सैलानियों को वो सुविधाएं उपलब्ध क्यों नहीं है। अगर दुनिया के टूरिज्म एंड ट्रवेल कम्पटेटिव इनडेक्स को देखा जाये तो भारत का नम्बर 40वें पर है। इसमें पहले नम्बर पर स्पेन दूसरे पर फ्रांस तीसरे पर जर्मनी और चौथे पर जापान है।

अच्छी यादें लेकर जाये न कि हादसे और असुविधाएं

पर्यटन उद्योग में योगदान प्रतिशत भी है कम हमारे देश में करोड़ो परिवार की रोजी रोटी पर्य़टन पर निर्भर है। भारत में जीडीपी मात्र 14 लाख करोड़ जो देश में जीडीपी का 9.6 प्रतिशत है। जबकि अमेरिका में जीडीपी में पर्यटन उद्योग का 101 लाख करोड़ का योगदान है । भारत में पिछले साल के मुकाबले इस साल ग्राफ में बढ़ोत्तरी जरुर हुई है। लेकिन देश में पर्यटन के क्षेत्र में बढ़ावा देने की जरुरत है। सरकार को सैलानियों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये जाने चाहिए। हमें ऐसे इंतजाम करने होंगे की पर्यटक भारत से अपने देश जाये तो अच्छी यादें लेकर जाये न कि हादसे और असुविधाएं।

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