शारदीय नवरात्रि 2021 : देवी स्कंदमाता को समर्पित है पांचवा दिन, जानिए इनके बारे में

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शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है। शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि माता भगवती की आराधना, संकल्प, साधना और सिद्धि का दिव्य समय है। यह तन-मन को निरोग रखने का सुअवसर भी है।

इस दौरान देवी के प्रमुख नौ रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। नवरात्रि का प्रत्येक दिन देवी मां के विशिष्ठ रूप को समर्पित होता है और हर स्वरुप की उपासना करने से अलग-अलग प्रकार के मनोरथ पूर्ण होते हैं।

पांचवा दिन माता स्कंदमाता की पूजा-

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स्कंदमाता यानी स्कंद की माता। माता पार्वती के बड़े पुत्र कार्तिकेय का नाम स्कंद है। जब माता पार्वती ने स्कंद को जन्म दिया, उसके बाद वो स्कंदमाता कहलाने लगीं।

हालांकि एक और मान्यता है कि आदिशक्ति जगदंबा ने बाणासुर के अत्याचार से संसार को मुक्त कराने के लिए अपने तेज से एक बालक को जन्म दिया। 6 मुख वाले सनतकुमार को ही स्कंद कहा जाता है।

मां दुर्गा का स्कंदमाता स्वरूप अदम्य साहस और करुणा से परिपूर्ण है। स्कंदमाता की आराधना करने से भगवान कार्तिकेय की कृपा भी आप पर बनी रहती है।

सफेद रंग का कपड़ा पहने-

भक्तों की सारी इच्छाएं पूरी करने वाली स्कंदमाता के दिन सफेद रंग पहनें। इन्हें मोक्ष के द्वार खोलने वाली माता के नाम से भी जाना जाता है।

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