कचरा बीनने वाले ने लौटाया नोटों से भरा बैग, कायम की मिसाल

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साहब, मैं हालात का मारा जरूर हूं, लेकिन जमीर अब भी जिंदा है’ यही कहते हुए विश्वजीत गुप्ता ने ठाणे स्टेशन मास्टर को एक महिला यात्री के महीनेभर की कमाई लौटा दी। मामला यह है कि ठाणे रेलवे स्टेशन की पटरियों पर कचरा बीननेवाले विश्वजीत गुप्ता को एक महिला का हैंड बैग मिला।

विश्वजीत ने जब इसे खोलकर देखा, तो उसमें क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड के साथ 2000 रुपये के 16 नोट थे।बकौल विश्वजीत, इतने सारे रुपये देखकर उसकी आंखों में चमक आ गई, लेकिन दूसरे ही पल मन में सवाल उठा कि जिसका यह बैग है, उसकी हालत क्या हो रही होगी। बस, उसने बैग ठाणे स्टेशन मास्टर के पास जमा करने का निर्णय ले लिया।

‘ईमानदारी जिंदा है’

महिला यात्री ने ‘एक समाचार पत्र’ को बताया, ‘यह मार्च की पूरी पगार थी। घर पहुंचने पर जब बैग नहीं मिला, तो जैसे आंखों के सामने अंधेरा छा गया। विश्वजीत ने जो किया है, वह साबित करता है कि आज के दौर में भी ईमानदारी जिंदा है।’

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लोअर परेल में काम करने वाली आकांक्षा अपने घर ठाणे जा रहीं थीं। भीड़ में ट्रेन से उतरते समय उनके बैग का हैंडल टूट गया और बैग ट्रैक पर गिर गया। घर पहुंचने पर उन्हें इसका पता चला, तो उन्होंने फौरन ठाणे स्टेशन पर मौजूद अपने दोस्त को फोन किया। दोस्त स्टेशन मास्टर विजय रजक से मिला, तब विश्वजीत बैग जमा करवा रहा था। बाद में आकांक्षा को बुलाकर बैग दे दिया गया, आकांक्षा ने विश्वजीत को 500 रुपये का इनाम दिया।

25 करोड़ रुपये के चेक ढूंढे

ऐसी ही एक घटना में मंगलवार को सामने आई, जब शाम 5 बजे के करीब मध्य रेलवे की दादर आरपीएफ चौकी पर कल्याण के राजाराम मोरे ने बताया कि वह अपना एक पॉलिथीन बैग दोपहर 12:53 बजे की फास्ट ट्रेन में भूल गया है, जिसमें 25 करोड़ रुपये की कीमत के 982 चेक हैं। तब आरपीएफ ने कंट्रोल रूम की मदद से दादर स्टेशन के प्लैटफॉर्म क्रमांक 2 पर ट्रेन के पहुंचते ही पॉलिथीन बैग ढूंढ लिया गया।

NBT

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