सपा छोड़ भाजपा में शामिल हुए पूर्व विधायक जय चौबे

भाजपा प्रदेश मुख्यालय पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने उन्हें भाजपा की सदस्यता ग्रहण करायी

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लोकसभा चुनाव के दौरान चुनावी अखाड़े में राजनीतिक उठा-पटक और पल्टीमार दौर में सपा को संत कबीरनगर से एक और झटका लगा है. संत कबीरनगर जिले की खलीलाबाद विधानसभा के पूर्व विधायक दिग्विजय नारायण चौबे रविवार को समाजवादी पार्टी छोड़ समर्थकों के साथ वापस भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए. भाजपा प्रदेश मुख्यालय पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने उन्हें भाजपा की सदस्यता ग्रहण करायी.

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इस मौके पर ब्रजेश पाठक ने कहा कि दो चरणों के चुनाव के बाद यह स्पष्ट हो चुका है कि देश में भाजपा की लहर है. वहीं इंडी गठबंधन पूरी तरह से फ्लॉप साबित हुआ. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा जन-जन तक पहुंचने में कामयाब हुई. विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए सब भाजपा में शामिल हो रहे हैं. अब संतकबीर नगर में भाजपा प्रचण्ड बहुमत से जीत दर्ज कराएगी.

यह भी हुए बीजेपी में शामिल

इस दौरान दिग्विजय नारायण चौबे के साथ संत कबीरनगर जिले के जिला पंचायत अध्यक्ष बलराम यादव, खलीलाबाद नगर पंचायत अध्यक्ष जगत पाल, सपा के जिला उपाध्यक्ष कौशल चौधरी, जिला पंचायत सदस्य अजय शर्मा, श्रीपत यादव, अश्वनी गुप्ता, जगदीश चौधरी के साथ-साथ कई प्रधान व पूर्व प्रधान भाजपा में शामिल हुए. इस मौके पर प्रदेश उपाध्यक्ष त्रयम्बक त्रिपाठी, महामंत्री अमरपाल मौर्य, मंत्री शंकर गिरी, प्रदेश मीडिया प्रभारी मनीष दीक्षित आदि रहे.

भाजपा छोड़ थाम लिया था सपा का दामन

गौरतलब है कि पूर्व विधायक जय चौबे 2017 में भाजपा के टिकट पर खलीलाबाद सदर से विधायक चुने गए थे. इसके बाद उन्होंने भाजपा छोड़ सपा का दामन थाम लिया. सपा ने वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में उन्हे खलीलाबाद सदर सीट से प्रत्याशी बनाया था, लेकिन वह चुनाव हार गए. जय चौबे ने अपने दम पर बलिराम यादव को जिला पंचायत अध्यक्ष व जगत जायसवाल को खलीलाबाद का चेयरमैन बनवाया था.

सपा से दिया था इस्तीफा, लगाया था जातिवाद का आरोप

इससे पूर्व 19 अप्रैल को पूर्व विधायक दिग्विजय नारायण उर्फ जय चौबे ने समाजवादी पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने सपा नेतृत्व पर पीडीए के नाम पर जातिवाद करने का आरोप लगाया. पूर्व विधायक के इस्तीफा देने के बाद उनके बहुजन समाज पार्टी से चुनाव लड़ने की अटकलें शरू हो गईं. बताया जाता है कि सपा में उनका कद लगातार बढ़ रहा था. वह लोकसभा का टिकट मांग रहे थे. लोकसभा का टिकट नहीं मिलने के बाद इन्होंने सपा से इस्तीफा दिया. जय चौबे ने तब कहा था कि सपा अपने रास्ते से भटक गई है. जिताऊ प्रत्याशियों को नजरअंदाज किया जा रहा है. इस्तीफा देने के बाद वह अपने शुभचिंतकों से राय लेंगे. अंततः उन्होंने घर वापसी कर ली.

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