लखनऊ : देवा शरीफ में माथा टेकेंगे पूर्व डीजीपी पीपी पांडे

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गुजरात में इशरत जहां और 3 अन्य के कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में विशेष सीबीआई अदालत ने पूर्व प्रभारी पुलिस महानिदेशक पीपी पांडे को बुधवार को आरोप मुक्त कर दिया। वर्ष 1982 बैच के आईपीएस ऑफिसर पीपी पांडे ने बताया, ‘मैंने कई वर्षों तक दिक्कतों का सामना किया और डेढ़ वर्षों तक सलाखों के पीछे रहा। आखिरकार मेरे भी अच्छे दिन आ ही गए।’

कई बार भावुक हुए पीपी पांडे

एक इंटरव्यू के दौरान कई बार पीपी पांडे भावुक हो गए। उन्होंने कहा, ‘एक बार तो ऐसी स्थिति आ गई कि मैं फांसी के लिए तैयार था। चाहता था कि मुझे फांसी दे दी जाए। मैं कुछ वैसे ही फांसी पर झूल जाना चाहता था जैसे कि मंगल पांडे को फांसी दे दी गई थी।’

बाराबंकी के देवा शरीफ दरगाह पर माथा टेकेंगे पीपी पांडे

विभिन्न मंदिरों में मांगी गई मन्नतों को पूरा करने के लिए पीपी पांडे अब धार्मिक यात्रा की तैयारियों में जुटे हुए हैं। उन्होंने बताया, ‘मैंने अपने ऊपर आए संकट को खत्म करने के लिए देवा शरीफ से दुआ मांगी, देवा शरीफ लखनऊ से तकरीबन 25 किलोमीटर दूर है। हम जल्द ही दरगाह जाएंगे। मैं अजमेर शरीफ और कई मंदिरों जैसे कि अंबाजी भी दर्शन के लिए जाऊंगा।’

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पीपी पांडे, जो कि इशरत जहां एनकाउंटर केस में एक अभियुक्त थे, वह अब गुजरात पब्लिक सर्विस कमिशन एग्जाम पास (उत्तीर्ण) कर चुके उम्मीदवारों का मॉक इंटरव्यू लेकर अपना वक्त बिता रहे हैं। उन्हें मिली राहत के बाद वह कहते हैं कि दैवीय शक्ति ने उनकी मदद की है। पांडे कहते हैं कि इस पूरे मामले ने उनके परिवार को तोड़कर रख दिया। बता दें कि जून 2004 में जब एनकाउंटर हुआ था तब वह क्राइम ब्रांच में जॉइंट कमिश्नर ऑफ पुलिस के पद पर थे।

‘जिन्होंने मक्खी नहीं मारी होती उन्हें मेडल मिलते हैं’

एनकाउंटर मामले में पांडे ने कहा कि वह इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं कह सकते क्योंकि यह पूरा मामला अदालत में है। उन्होंने कहा, ‘मैं इतना तो निश्चित रूप से कह सकता हूं कि एनकाउंटर से किसी भी पुलिसकर्मी को कुछ फायदा नहीं हुआ।’ पांडे कहते हैं कि टॉम, डिक और हैरी सभी को पदक मिले। उन्होंने कहा, ‘जिन्होंने मक्खी भी नहीं मारी होती उन्हें भी मेडल मिलते हैं।’

‘इस्तीफा देकर खुश हूं’

इशरत जहां मामले में आरोपी रहे गुजरात के कार्यकारी डीजीपी पीपी पांडे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। वह कहते हैं कि इस्तीफा देकर वह खुश हैं। उन्होंने कहा, ‘एक अध्याय आखिरकार खत्म हुआ। रिटायर होने के बाद मैं अपनी जिंदगी का आनंद ले रहा हूं और भगवान की सेवा में समय व्यतीत कर रहा हूं।’ गुजरात सरकार ने उन्हें 30 अप्रैल तक एक्सटेंशन देते हुए यह पद सौंपा था, लेकिन पूर्व IPS अधिकारी जूलियो रिबेरो ने इसके खिलाफ सुप्रीम में याचिका दायर की थी। इस मामले की सुनवाई के दौरान पद छोड़ने के पांडे के प्रस्ताव को मानते हुए कोर्ट ने उन्हें पदमुक्त करने का आदेश दिया। इसी के साथ कोर्ट ने रिबेरो की याचिका का निपटारा कर दिया।

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