पहली बारिश ने खोली अयोध्या में विकास की पोल, रामपथ के साथ दो सड़कें धसी
एक्शन में आई योगी सरकार, तीन अधिकारी निलंबित...
राममंदिर निर्माण के बाद भी अयोध्या में बीजेपी को मिली हार पर हर कोई हैरान था, लेकिन उसका जवाब अब मानसून की पहली बारिश के साथ वहां का विकास खुद बयां कर रहा है. जिसमें न सिर्फ अयोध्या क्षेत्र बल्कि राममंदिर ने भी बीजेपी के विकास की पोल खोलकर रख दी है. जी हां, बीते शुक्रवार को यूपी में मानसून के आगमन के साथ शुरू हुई सीजन की पहली बारिश के साथ अयोध्या का विकास भी बह गया है.
जिसमें राममंदिर को जाने वाला रामपथ कई स्थानों पर धस गया तो, इसके अलावा कई सारी सड़को पर बड़े-बड़े गड्डे हो गए. इस वजह से यातायात काफी प्रभावित रहा. ऐसे में प्रदेश की योगी सरकार तुरंत एक्शन में आयी और इसके जिम्मेदार तीन अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है, जिसमें प्रोजेक्ट में शामिल एग्जीक्यूटिव इंजीनियर एई औ जेई को पद से हटाया गया है.
अयोध्या के रामपथ निर्माण प्रोजेक्ट में धांधली करने के मामले में जिन्हेंइ निलंबित किया गया है, उनमें एग्जीक्यूटिव इंजीनियर ध्रुव अग्रवाल, असिस्टेंट इंजीनियर अनुज देशवाल और जूनियर इंजीनियर प्रभात पांडे के नाम शामिल हैं. वहीं निलंबन के साथ ही इस मामले की जांच के भी आदेश दिए गए हैं और इसको लेकर रिपोर्ट की मांग की गयी है. प्रदेश की योगी सरकार इस प्रोजेक्ट में धांधली करने वालें आरोपियों को बख्शने के मूड में नजर नहीं आ रही है.
मानसून की पहली बारिश ही नहीं झेल सका अयोध्या का रामपथ
अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन से कुछ समय पहले रामपथ का भी निर्माण और उद्घाटन हुआ था, ताकि अयोध्या आने वाले बहुत से रामभक्तों को किसी तरह की परेशानी न हो. इस बीच मानसून की पहली ही बारिश ने विकास की पूरी पोल खोलकर रख दी है. 13 किमी सहादतगंज से नया घाट तक की सड़क पर कई जगह गड्ढे हो गए हैं. हालांकि, अपने विकास की पोल को ढंकने के लिए प्रशासन ने तुरंत गड्ढों को भर लिया, लेकिन तब तक कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके थे. इससे राज्य सरकार को अच्छी खासी किरकिरी का सामना करना पड़ रहा है, वहीं विपक्ष सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए उसे घेरने का पूरा प्रयास कर रहा है.
लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने अयोध्या के विकास मॉडल पर जमकर अपनी पीठ थपथपाई थी और जोरशोर से इसका प्रचार भी किया था. लेकिन उस विकास की असलियत क्या है, वह मानसून की पहली बारिश बयां कर रही है. अयोध्या में जगह – जगह जलजमाव हो रहा है, रामपथ धंस गया है. ऐसे में विपक्ष जमकर बीजेपी पर हमला बोल रहा है.
भ्रष्टाचार से राममंदिर भी नहीं रहा अछूता
ऐसा नहीं है कि, अयोध्या में विकास की पोल सिर्फ वहां की सड़कें ही खोल रही हैं, बल्कि राम मंदिर ने भी विकास की पोल खोलकर रख दी है. इसका खुलासा खुद राममंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास द्वारा किया गया था. जिसमें उन्होने बताया था कि, बारिश की वजह से राम मंदिर की छत से पानी टपकने लगा है, उन्होने बताया था कि, छत पर पानी निकासी का कोई इंतजाम नहीं है, जिसकी वजह से मंदिर में जलजमाव हो गया है.
हालांकि, मुख्य पुजारी के इस दावे को मंदिर ट्रस्ट के कर्मचारियों ने खारिज कर दिया था. इस मामले पर मंदिर के डिज़ाइन और निर्माण प्रबंधक गिरीश सहस्रभोजनी ने कहा कि, ”उस संरचना से 100 प्रतिशत परिणाम की उम्मीद नहीं की जा सकती जो सिर्फ लगभग 80 प्रतिशत तक बनी है. दावा किया कि निर्माण चरण के दौरान कुछ छोटे-मोटे मुद्दे होंगे लेकिन बुनियादी डिजाइन बनाने में कोई गलती नहीं हुई है.”
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हालाँकि, मंदिर निर्माण से जुड़ी कंपनी ‘लार्सेन एंड टुब्रो’ (L&T) ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी थी, जिसमें मीडिया से बातचीत के दौरान कंपनी के अधिकारी ने बताया था कि, बिजली के तार लगाने के लिए “इलेक्ट्रिक कॉन्ड्यूट्स” (पीवीसी पाइप) लगे हैं, जो अभी खुले हैं, इन्हीं से बारिश का पानी निकलता है, लेकिन इतना नहीं कि अंदर जम जाए. उनका कहना था कि निर्माण पूरा होने पर इसे बंद कर दिया जाएगा.