मकर संक्रांति पर सरकार दे सकती है ये तोहफा…

सूर्य के उत्तरायण में प्रवेश को भारत में एक पर्व के रूप में मनाने की परंपरा सदियों से रही हैl सूर्य के मकर राशि में आने के बाद से रबी की फसलों की कटाई का समय शुरू हो जाता है। हिन्दू ज्योतिष में सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के समय बनने वाली कुंडली से आगामी तीन महीनों के संभावित सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक घटनाक्रमों के सम्बन्ध में भविष्याणियां की जाती रहीं हैं। क्योंकि सूर्य के चर राशियों मकर, मेष, कर्क और तुला में प्रवेश के समय की कुंडलियों का मेदिनी ज्योतिष में अधिक महत्व होता है।

देश के लिए काफी संवेदनशील

सूर्य आगामी 14 जनवरी को भारतीय मानक समय के अनुसार दोपहर 1 बज कर 47 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश आएंगे। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के समय वृषभ लग्न उदय हो रहा होगा जो कि आज़ाद भारत की कुंडली का जन्म लग्न है। संक्रांति या पूर्णिमा-अमावस्या के स्थानीय समय अनुसार उदय होने वाला लग्न यदि देश के जन्म लग्न की राशि से मेल खाए तो वह समय विशेष देश के लिए काफी संवेदनशील होता है।

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शेयर बाजार में गिरावट का संकेत

अत आगामी तीन महीनों, विशेषरूप से 31 जनवरी के चंद्र ग्रहण के बाद देश में बड़े सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं। वृषभ लग्न की मकर संक्रांति कुंडली में बुध, शनि, चंद्र और गुरु की धन भाव पर दृष्टि अर्थव्यस्था में बड़े सुधारों का संकेत दे रही है। केंद्र सरकार पेट्रोल और डीजल को GST के दायरे में लाने का प्रयास करके आम जनता को महंगाई से बड़ी राहत देने की सोच सकती है। किन्तु लाभेश गुरु का बाहरवें भाव के स्वामी मंगल के साथ छठे भाव में जाना शेयर बाजार में गिरावट का संकेत है। अष्टम भाव में धनेश बुध का शनि और चन्द्रमा के साथ होना किसी बड़े आर्थिक घोटाले के उजागर होने का ज्योतिषीय संकेत दे रहा है।

आतंकी घटनाएं होने की आशंका

संक्रांति कुंडली में लग्न और छठे भाव के स्वामी शुक्र का सूर्य से अस्त होकर मंगल की दृष्टि से पीड़ित होना आगामी एक महीने में आतंकी गतिविधियों में तेजी का योग दिखा रहा है। 31 जनवरी के चंद्र ग्रहण के आसपास देश में आतंकी घटनाएं होने की आशंका है। इससे भारत-पाक सीमा पर तनाव बढ़ेगा। संक्रांति कुंडली में तीसरे घर के स्वामी चंद्र और चौथे घर के स्वामी सूर्य का पाप ग्रहों से पीड़ित होना आगामी एक महीने के भीतर किसी बड़ी रेल या हवाई दुर्घटना का ज्योतिषीय योग बना रहा है।

सामजिक आन्दोलनों का भी संकेत

मकर संक्रांति के समय उदय लग्न वृषभ से छठे और आठवें घर में ग्रहों का जमावड़ा आने वाले कुछ दिनों में देश में हड़तालों और बड़े सामजिक आन्दोलनों का भी संकेत दे रहा है। सरकार की निजीकरण और विदेशी कंपनियों के भारत में निवेश को प्रोत्साहन देने की नीति का कई संगठनों द्वारा तीव्र विरोध हो सकता है। इसके दबाव में आकर सरकार श्रम कानूनों में सुधार लाकर न्यूनतम मजदूरी में वृद्धि कर सकती है जिससे आम जनता की क्रयशक्ति में वृद्धि होगी और अर्थव्यस्था में मांग बढ़ने से गति आएगी।

(साभार- नवभारत टाइम्स)

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