Fathers Day : सोनोरा स्मार्ट डोड ने की थी फादर्स डे की शुरूआत, अमेरिका में 18 जून को होता है हॉलिडे
बच्चे के लिए माता-पिता समान रूप से प्रिय होते हैं। जहां माता का रोल बच्चे के जीवन में साफ दिखाई दे जाता है, तो वहीं पिता का किरदार जिम्मेदारियों के बोझ में छिप जाता है। ऐसे में पिता के किए गए त्याग और समर्पण को सम्मान देने के लिए एक दिन चुना गया। यह दिन है 18 जून… आज दुनियाभर में फादर्स डे मनाया जा रहा है। हर कोई फादर्स डे पर अपने पिता को बधाई दे रहा है। पिता को खास अनुभव कराने के लिए इस दिन बच्चे कुछ करने का प्रयास करते हैं। मगर क्या आप जानते हैं कि फादर्स डे की शुरूआत कैसे हुई थी और किसने इस दिन को पिता के लिए समर्पित करने की पहल की थी। दरअसल, फादर्स डे मनाने की शुरूआत एक अमेरिकी स्पोकेन महिला ने की थी। इस महिला को उनके विधुर पिता ने बिना मां के पाला था। इसी से प्रेरित होकर इस अमेरिकी महिला ने साल का एक दिन पिता को समर्पित करने का फैसला किया था। आज हम फादर्स डे मनाए जाने के पीछे की इसी कहानी को आपसे साझा कर रहे हैं…
साल 1910 में अमेरिका में पहली बार फादर्स डे मनाया गया था और यह दिन 18 जून था। इसी के 6 दशक के बाद अमेरिका में 18 जून को आधिकारिक अवकाश घोषित कर दिया गया। जब पहली बार 18 जून को फादर्स डे मनाया गया तो इस दिन के बाद धीरे-धीरे अमेरिका के दूसरे शहरों में भी फादर्स डे को लेकर लोकप्रियता बढ़ने लगी। हर साल एक दिन पिता को सम्मान व प्यार समर्पित करने वाले इस दिन का लोगों ने स्वागत किया। पिता के प्रेम और कर्तव्यों के प्रति सम्मान और आभार व्यक्त करने के लिए इस दिन फादर्स डे के रूप में मनाया जाता है।
कब मनाया जाता है
हर साल फादर्स डे 18 जून यानी रविवार के दिन मनाया जाता है। यानी जून के महीने का तीसरा रविवार फादर्स डे को समर्पित है। अमेरिका में फादर्स डे को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन पूरे अमेरिका में ऑफिशियल हॉलिडे रहता है।
सोनोरा ने की थी फादर्स डे की शुरूआत
जानकारी के अनुसार, पहली बार वर्ष 1907 में अनिधिकृत रूप से ‘फादर्स डे’ मनाया गया था। जबकि आधिकारिक रूप से इसकी शुरुआत वर्ष 1910 में हुई थी। जिसका प्रस्ताव अमेरिका की रहने वाली महिला सोनोरा स्मार्ट डोड ने पेश किया था। सोनोरा स्मार्ट डोड को उनके पिता ने पाला था। उनके पिता विधुर थे। सोनेरा की माता नहीं थी, इसलिए उनके पिता ने ही उन्हें पालपोस कर बड़ा किया था। सोनेरा अपने पिता से बहुत प्यार करती थी। इसलिए उन्होंने पिता के प्रति अपने स्नेह और उनके कर्तव्यों को सम्मानित करने के लिए फादर्स डे मनाया था।
Also Read : यूपी में बिजली गोल! 14-14 घंटे की हो रही कटौती, 54 लोगों की गर्मी से मौत
1914 में फादर्स डे पर घोषित हुआ अवकाश
वाशिंगटन की एक स्पोकेन महिला सोनोरा स्मार्ट डोड को फादर्स डे की शुरुआत करने का सुझाव साल 1909 में एक मदर्स डे पर उपदेश सुनने के बाद आया। सोनोरा को पिता के लिए खास दिन चुनने का ख्याल आया और उस दिन को छुट्टी घोषित करने का सोचा। जिसके बाद 1908 में पहले 18 जून को फादर्स डे एक व्यावसायिक अवकाश बना। सोनोरा को अपनी कम्यूनिटी का साथ भी मिला, जिसके बाद 1910 में 18 जून को पहली बार फादर्स डे मनाया गया। धीरे-धीरे यह जश्न अमेरिका के दूसरे शहरों तक फैल गया। जबकि साल 1914 में राष्ट्रपति वुडरो विल्सन द्वारा 18 जून को फादर्स डे घोषित करते हुए इस दिन आधिकारिक अवकाश कर दिया। फिर 1916 में विल्सन ने इसे ऑफिशियल बना दिया। तब से 1882 में जन्मी सोनोरा स्मार्ट डोड को फादर्स डे के संस्थापक के रूप में जाना जाता है।
मदर्स डे से प्रेरित है फादर्स डे
मदर्स डे से प्रेरित होकर फादर्स डे भी मनाया जाने लगा। जो जब साल में एक दिन माताओं को समर्पित हो सकता है, तो सोनोरा स्मार्ट डोड ने सोचा कि ऐसे ही एक दिन पिताओं के लिए भी होना चाहिए। उन्होंने मदर्स डे से प्रेरित होकर पिता के लिए भी एक खास दिन बनाया। ऐसा माना जाता है कि सोनोरा को ऐसे व्यक्ति ने पाला-पोसा था, जो एक विधुर थे। सोनोरा के साथ उन्होंने 14 और बच्चों का पालन-पोषण किया था। यही वजह है कि उन्होंने सभी पिता को सम्मान देने की सोची।
अमेरिका में 18 जून को क्यों होती है छुट्टी
साल 1924 में, राष्ट्रपति केल्विन कूलिज ने अन्य राज्यों को इस दिन को मनाने की सलाह दी। 1966 में, राष्ट्रपति लिंडन बी. जॉनसन ने पिताओं के सम्मान में पहली बार राष्ट्रपति के तौर पर घोषणा की और हर साल जून के तीसरे रविवार को फादर्स डे मनाने का फैसला लिया। 1972 में राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन द्वारा कानून में हस्ताक्षर किए जाने के बाद फादर्स डे अमेरिका में एक स्थायी अवकाश बन गया। 1972 में राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन के कानून में हस्ताक्षर करने के बाद फादर्स डे अमेरिका में एक स्थायी अवकाश बन गया।
Also Read : केदारनाथ के गर्भगृह में पीतल में बदला सोना! लोगों के आरोप पर मंदिर प्रबंधन ने बताया चौंकाने वाला सच