Farmers movement: किसानों को दिल्ली जाने से रोकने को जबर्दस्त किलेबंदी

13 फरवरी को दिल्ली कूच करने पर अड़े हैं किसान संगठन, कल होगी अहम बैठक

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हरियाणा व पंजाब के किसान संगठनों के 13 फरवरी के दिल्ली कूच के आह्वान के मद्देनजर जबर्दस्त किलेबंदी कर दी गई है. तीनों राज्यों में अलर्ट है और भारी संख्या में फोर्स की तैनाती की जा रही है. कंटीले तारों का जाल फैलाया जा रहा है. सड़क पर कीलें लगा दी गई हैं ताकि किसानों को दिल्ली जाने से रोका जा सके. हरियाणा सरकार ने पंजाब से आने वाले सभी बॉर्डर सील कर दिए हैं. इसके साथ ही 12 जिलों में धारा 144 लागू कर सात जिलों में इंटरनेट सेवाओं को भी बंद करने का फैसला लिया गया है. इतनी भारी भरकम तैयारी के बावजूद हरियाणा व पंजाब के 23 किसान संगठन दिल्ली कूच पर अड़े हुए हैं. उधर, केंद्र सरकार किसान आंदोलन के पल-पल की स्थिति पर नजर गड़ाए हुए हैं. खुफिया तंत्र से लगायत अर्धसैनिक बलों की भारी भरकम फोर्स लगाई जा रही है.

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किसान आंदोलन को लेकर सरकार के माथे पर बल पड़ गया है. इस मसले पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की और उन्हें स्थिति से अवगत कराया. शाह ने सीएम से कहा है कि 13 फरवरी को सारी व्यवस्थाएं ठीक रखने के साथ ही शांति व्यवस्था बनाए रखने की जरूरत है.

दिल्ली कूच से पहले किसानों ने किया रिहर्सल

दिल्ली पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली चलो नारा देकर 13 फरवरी को करीब 2000 से 2500 ट्रैक्टर के साथ 25 से 20 हजार किसानों के दिल्ली बॉर्डर पर पहुंचने की उम्मीद है. किसानों की करीब 200 यूनियन की ओर से आयोजित कार्यक्रम से पहले यह जानकारी सामने आई है. दिल्ली बॉर्डर पर पहुंचकर किसानों को कैसे विरोध प्रदर्शन करना है, इसके लिया अभ्यास भी कराया गया है. कई जगह अभ्यास शिविर लगाया, जहां बड़ी संख्या में किसान जुटे और रिहर्सल किया. खुफिया रिपोर्ट के अनुसार किसान यूनियनों ने निर्धारित मार्च से पहले 40 रिहर्सल की थीं. इनमें से 10 हरियाणा और 30 पंजाब में हुई थीं. रिपोर्ट में गया कि किसान कार, बाइक, मेट्रो, रेल या बस से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली आ सकते हैं.

152 स्थानों पर नाकेबंदी, 12 रास्ते सील

पुलिस ने राज्य में 152 से ज्यादा स्थानों पर नाकेबंदी कर ली है. टीकरी बॉर्डर पर ड्रोन से निगरानी रखी जा रही है. पंजाब-हरियाणा की सीमा शंभू बॉर्डर, कैथल से सटे पंजाब के 12 रास्ते और कुरुक्षेत्र के तीन बॉर्डर को सील कर सीमेंट के ब्लॉक, बैरिकेड्स व कंटेनर रखे गए हैं. इतनी मजबूत किलेबंदी की जा रही है कि किसान आंदोलनकारी किसी भी हाल में दिल्ली की ओर न जा सकें. उन्हें रोकने का हर सम्भव उपाय किया जा रहा है. राज्य के गृह विभाग के अनुसार कुरुक्षेत्र, अंबाला, कैथल, जींद, हिसार, फतेहाबाद, सिरसा और पुलिस जिला डबवाली में 11 फरवरी को सुबह छह बजे से 13 फरवरी की रात 12 बजे तक मोबाइल इंटरनेट सेवाएं, बल्क एसएमएस और डोंगल सर्विस ठप रहेगी. व्यक्तिगत एसएमएस, बैकिंग एसएमएस, ब्रॉडबैंड व लीज लाइंस पहले की तरह चलती रहेंगी.

केंद्र सरकार ने हरियाणा भेजी अर्द्धसैनिक बलों की 50 कंपनियां

सीमाओं पर पुलिस व अर्द्धसैनिक बलों का कड़ा पहरा है. केंद्र सरकार ने हरियाणा के लिए अर्द्धसैनिक बलों की 50 कंपनियां भेजी हैं. इसके अलावा 15 और कंपनियां भेजने पर विचार चल रहा है. शनिवार को हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने अंबाला के शम्भू व सद्दोपुर बॉर्डर और कैथल के टटियाना नाके का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया. सरकार ने 12 जिलों रोहतक, सोनीपत, झज्जर, जींद, कुरुक्षेत्र, कैथल, अंबाला, सिरसा,, फतेहाबाद, हिसार, भिवानी और पंचकूला में एहतियात के तौर पर धारा 144 लागू कर दिया है. सार्वजनिक जगहों पर पांच या उससे अधिक लोगों के एकत्रित होने पर अगले आदेश तक रोक लगा दी गई है.

किसान संगठनों ने कहा-किसी भी हालत में नही रूकेगा आंदोलन

उधर, हरियाणा पुलिस ने लोगों को 13 फरवरी को राज्य के मुख्य मार्गों और हरियाणा से पंजाब की ओर जाने वाले रास्तों में आवश्यक होने पर ही ही यात्रा करने की सलाह दी है. लेकिन हरियाणा व पंजाब के 23 किसान संगठन दिल्ली कूच के फैसले पर अड़े हुए हैं. उनका कहना है जब तक सरकार उनकी मांगों को मानकर संवैधानिक तौर पर घोषणा नहीं करती उनका 13 फरवरी को होने वाला आंदोलन किसी हालत में नहीं रुकेगा. रेलवे ने भी जीआरपी और आरपीएफ की छुट्टियां रद्द कर दी हैं. शम्भू बार्डर स्थित रेललाइन के पास अस्थायी चौकी स्थापित कर दी गई है और दो रिजर्व बटालियन तैनात करने का आदेश दिया गया है. अंबाला के डीआरएम मंदीप सिंह भाटिया के अनुसार ट्रेनों का संचालन भी पूर्व की भांति जारी रहेगा. इस मामले में अभी कोई निर्देश नहीं मिला है. अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) ममता सिंह ने बताया कि दिल्ली-चंडीगढ़ हाईवे बाधित होने पर यात्री वैकल्पिक रास्ते का इस्तेमाल करें. चंडीगढ़ से दिल्ली जाने वाले यात्री डेराबस्सी, बरवाला/रामगढ़, साहा, शाहबाद, कुरूक्षेत्र के रास्ते या पंचकूला, एनएच-344 यमुनानगर इंद्री/पिपली, करनाल होते हुए दिल्ली पहुंचे. इसी तरह दिल्ली से चंडीगढ़ जाने वाले यात्री करनाल, इंद्री/पिपली, यमुनानगर, पंचकूला होते हुए चंडीगढ़ या कुरूक्षेत्र, शाहबाद, साहा, बरवाला, रामगढ़ होते हुए चंडीगढ़ जा सकते हैं. यदि उन्हें कोई परेशानी होती है तो डायल-112 पर फोन करें.

बैठक पर टिकी हैं सबकी निगाहें

दिल्ली कूच के आह्वान के बीच 12 फरवरी को किसान नेताओं की केंद्र सरकार से दूसरी बैठक होने जा रही है. इसके लिए सरकार ने किसान संगठनों के नाम एक चिट्ठी जारी की है. दूसरे दौर की बैठक भी चंडीगढ़ में कल शाम पांच बजे सेक्टर 26 महात्मा गांधी स्टेट इंस्टीट्यूट आफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में होगी. बैठक में केंद्र सरकार की ओर से केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल और नित्यानंद राय शामिल होंगे. गौरतलब है कि आठ फरवरी को किसान संगठनों और केंद्रीय मंत्रियों की एक दौर की बैठक हो चुकी है. उस बैठक में केंद्रीय मंत्रियों ने कहा था कि किसान संगठनों की ओर से जो मांगें की गई हैं कि उन पर विचार करने के लिए 13 से पहले वह एक और बैठक करेंगे. अब इस बैठक के नतीजे पर ही सबकी निगाहें टिकी हैं कि किसान आंदोलन का स्वरूप क्या होगा.

 

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