जुकरबर्ग ने कहा फेसबुक नही रहा कभी ट्रंप के खिलाफ

0

फेसबुक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मार्क जुकरबर्ग ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उन आरोपों को खारिज किया है जिसमें उन्होंने फेसबुक पर ‘न्यूयॉर्क टाइम्स और वाशिंगटन पोस्ट की तरह’ उनके खिलाफ प्रचार करने की बात कही है।

जुकरबर्ग ने कहा कि ट्रंप के आरोप निराधार हैं। ट्रंप ने बुधवार को ट्वीट कर कहा, “फेसबुक हमेशा से ट्रंप विरोधी रहा है। यह नेटवर्क हमेशा से ही ट्रंप विरोधी रहे हैं, इसलिए फर्जी खबरें (फेक न्यूज)..न्यूयॉर्क टाइम्स व वाशिंगटन पोस्ट ट्रंप विरोधी रहे हैं। मिलीभगत?

read also : ये युवा.. गुजरात चुनाव में बनेंगे बीजेपी के गले की हड्डी

फेसबुक ने 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में जो बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी

जुकरबर्ग ने इसका जवाब देते हुए कहा, “ट्रंप का कहना है कि फेसबुक उनके विरोध में है। लिबरल (उदारवादी) कहते हैं कि हम ट्रंप की सहायता करते हैं। दोनों ही उन विचारों और सामग्री से परेशान हैं जिन्हें वे नापंसद करते हैं। यही है वह मंच जहां सभी विचार एक साथ चल रहे हैं।जुकरबर्ग के मुताबिक, आंकड़े बताते हैं कि फेसबुक ने 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में जो बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी, वह उसके ठीक उलट है जो आज कई लोग कह रहे हैं।

फेसबुक फर्जी खबरें चलाने को लेकर तमाम तरह के सवालों में घिरा हुआ है

उन्होंने कहा, “इस चुनाव में जितनी आवाजें उठीं, उतनी शायद पहले कभी नहीं उठीं। यहां अरबों विचारों का आदान-प्रदान हुआ जो कि ऑफलाइन हो पाना अंसभव था। हर मुद्दे पर बातचीत की गई, न कि सिर्फ उस पर जिसे मीडिया ने उठाया था।फेसबुक पर अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के दौरान रूस के एक लाख डॉलर के राजनीतिक विज्ञापन चले थे। इसे लेकर फेसबुक फर्जी खबरें चलाने को लेकर तमाम तरह के सवालों में घिरा हुआ है।

वह 3,000 रूसी विज्ञापनों को कांग्रेस जांचकर्ताओं के साथ साझा करेगी

जुकरबर्ग ने कहा,”यह पहला अमेरिकी चुनाव था जहां उम्मीदवारों ने इंटरनेट के जरिए लोगों के साथ संवाद किया। हर उम्मीदवार का अपना फेसबुक पृष्ठ था जिस पर वे अपने लाखों समर्थकों से रोजाना सीधे संवाद कर रहे थे। चुनाव अभियान में अपनी बात पहुंचाने के लिए आनलाइन विज्ञापन पर लाखों-करोड़ों खर्च किए गए। यह उन चुनाव विज्ञापनों से हजारों गुना अधिक थे जिन्हें हमने संदिग्ध पाया है।एक व्यापक कानूनी और नीति समीक्षा के बाद, सोशल मीडिया दिग्गज ने घोषणा की है कि वह 3,000 रूसी विज्ञापनों को कांग्रेस जांचकर्ताओं के साथ साझा करेगी।

अमेरिकी सीनेट की खुफिया समिति ने फेसबुक, ट्विटर और गूगल को पूछताछ के लिए बुलाया

कांग्रेस के नेताओं ने फेसबुक, गूगल और ट्विटर को एक पत्र भेजा है, जिसमें उनसे जानकारी देने के लिए अनुरोध किया गया है कि क्या रूस ने उनके प्लेटफार्म पर कोई विज्ञापन खरीदा था।अमेरिकी सीनेट की खुफिया समिति ने फेसबुक, ट्विटर और गूगल को पूछताछ के लिए बुलाया है।

गलत सूचनाओं के जाने से चुनाव के नतीजे प्रभावित होंगे

जुकरबर्ग के मुताबिक, “अमेरिकी चुनाव के बाद, मैंने यह टिप्पणी की थी कि मेरी यह सोच है कि यह विचार एक पागलपन भरा विचार है कि फेसबुक पर गलत सूचनाओं के जाने से चुनाव के नतीजे प्रभावित होंगे।

लोगों को एक आवाज दी जिससे वे उम्मीदवारों से सीधे जुड़ सके

उन्होंने कहा, “मैंने इसे पागलपन कहते हुए खारिज कर दिया और मुझे इसका पछतावा है। यह इतना महत्वपूर्ण मुद्दा है कि इसे यूं ही खारिज नहीं किया जा सकता। लेकिन, हमारे आंकड़ों ने हमेशा यह दिखाया है कि हमारे व्यापक प्रभाव ने इस चुनाव में एक विशेष मामले में बहुत बड़ी भूमिका निभाई, वह यह कि इसने लोगों को एक आवाज दी जिससे वे उम्मीदवारों से सीधे जुड़ सके।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More