EXCLUSIVE : जर्नलिस्ट कैफे को अनुराग कश्यप ने बताया क्यों है फिल्म का नाम मुक्काबाज ?

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अनुराग कश्यप की फिल्म मुक्काबाज जल्द ही रिलीज़ होने जा रही है। फिल्म में कोच बने रवि किशन का एक संवाद है कि आपको मुक्काबाज बनना है कि मुक्केबाज यह तय करना जरूरी है। यह पूछे जाने पर कि फिल्म का नाम मुक्केबाज क्यों नहीं है, क्योंकि आमतौर पर मुक्केबाज ही पुकारा जाता है। ‘जर्नलिस्ट कैफे डॉटकॉम’ से बातचीत में अनुराग इसके पीछे की खास वजह बताते हैं। अनुराग का कहना है कि इस फिल्म को आप अपने पूरे परिवार के साथ देख सकते हैं जिसमें किसी तरह का कोई अश्लील दृश्य नहीं फिल्माया गया है। अनुराग आगे बताते हैं कि इस फिल्म की कहानी सबसे अलग है जिसमें आपको एक नया अंदाज देखने को मिलेगा।

क्यों हैं फिल्म का नाम ‘मुक्काबाज’ ? 

अनुराग कहते हैं ‘मैं जब इस फिल्म का नाम फाइनल कर रहा था तो कई लोगों ने मुझसे भी कहा था। लेकिन सच यह है कि फिल्म देखने के बाद आप समझ पायेंगे कि फिल्म का नाम मुक्काबाज क्यों है। दरअसल, मुक्केबाज हम सम्मान के रूप में लेते हैं और मुक्काबाज एक गाली की तरह है। अनुराग कहते हैं कि जब हम बिना किसी सम्मान और आदर के किसी को संबोधित करते हैं, तो वह मुक्काबाज हो जाता है।’

फिल्म देखने के बाद मुक्काबाज और मुक्केबाज में समझ आयेगा फर्क

लेकिन मेरी फिल्म में यही कहानी है कि आपको बात समझ आयेगी कि आखिरकार मेरा हीरो मुक्केबाज बनता है या मुक्काबाज बन कर ही रह जाता है। मुक्काबाज दरअसल, स्ट्रीट फाइटर होता है। वह खिलाड़ी तो होता है मगर सड़कों पर ही लड़ता है। इसलिए वह मुक्काबाज ही होता है। अनुराग कहते हैं ‘मैं कोई बायोपिक नहीं बना रहा हूं। फिल्म की कहानी एक स्ट्रीट फाइटर पर आधारित है।’

अनुराग ने आगे बताया कि इस फिल्म के लिए विनीत ने बकायदा प्रोफेशनल तरीके से मुक्केबाजी सीखी है और वह पूरी तरह से एक साल तक मुंबई से गायब होकर चंडीगढ़ जाकर वहां तैयार हुए और फिर वह हीरो बने। सो, मुझे पूरा यकीन है कि उन्होंने कहानी के साथ न्याय किया है। अनुराग की फिल्म मुक्काबाज 12 जनवरी को रिलीज होगी।

कोच का किरदार निभाने वाले रवि किशन बताते हैं-

जर्नलिस्ट कैफे’ से बात करते हुए कोच का किरदार निभाने वाले एक्टर रवि किशन ने बताया कि, हालांकि कोच का किरदार नया रहा जिसे मैंने बखूबी निभाने की कोशिश की। आप मुक्काबाज इसलिए न देखें कि इस फिल्म में मैं काम कर रहा हूं बल्कि इसलिए देखें क्योंकि इस फिल्म में जोया हुसैन ने दमदार भूमिका अदा की है। जिसमें उन्होंने पूरी सिद्दत के साथ अपने अभिनय को परदे पर जीवंत कर दिया है।’

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जोया हुसैन ने जुबान से नहीं आंखों से निभाया किरदार

फिल्म की अभिनेत्री जोया हुसैन ने जर्नलिस्ट कैफे बताया कि उनका किरदार इस फिल्म में एक इंडिपेंडेंट लड़की का है जिसका नाम सुनैना मिश्रा है जो किसी से डरती नहीं है और जो बोल नहीं सकती है लेकिन उसके पास कहने को बहुत कुछ है, इसलिए वो फ्रस्टेट हो जाती है कि हम आपकी बात को समझ रहे हैं लेकिन आप हमारी बातों को क्यों नहीं समझ पा रहे हैं। जोया आगे बताती हैं कि इस फिल्म के जरिए हम दिखाना चाहते हैं कि समाज में बहुत सी ऐसी लड़कियां हैं जो अपनी बातों को दूसरों के सामने रख नहीं पाती हैं य़ा फिर उनके परिवार वाले उन्हें सपोर्ट नहीं करते हैं। लेकिन, इस फिल्म में जिस सुनैना की कहानी हम लेकर आए हैं वो एकदम अलग है जिसे आप फिल्म देखने के बाद पूरी तरह से समझ पाएंगे।

इनपुट- जितेंद्र निषाद

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