इस गांव में हर कोई पैदा होता है अंधा, वजह जानकर हो जाएंगे हैंरान…
इस दुनिया में ऐसी कई चीजें हैं. जिन पर भरोसा करना बहुत मुश्किल है. अगर आपसे कहा जाए कि इसी दुनिया में एक ऐसा भी गांव है. जहां महिला से लेकर पुरुष तक, पशु से लेकर पक्षी तक सभी अंधे हैं. यही कारण है. कि यहां के पक्षी उड़ नहीं पाते. पेड़ों से टकरा कर गिर जाते हैं. तो वहीं पशुओं की भी हालत कुछ ऐसी ही है. वे अपना खाना ही नहीं तलाश पाते. सुनने में कितना अजीब लगता है. लेकिन ये सच है कि ऐसा एक गांव अस्तित्व में है।
पैदा होने वाला प्रत्येक बच्चा अंधा…
दरअसल मैक्सिको में एक ऐसा गांव है. जहां पर पैदा होने वाला प्रत्येक बच्चा अंधा हो जाता है. यह बात बेहद चौंकाने वाली है. लेकिन मैक्सिको के टिल्टेपक गांव में रहने वाली जनजाति का प्रत्येक सदस्य अंधा है. इसे दुनिया के रहस्यमयी गांवों की लिस्ट में शामिल किया जाता है. जब कोई बच्चा यहां पैदा होता है. तब उसकी आंखें ठीक होती हैं. लेकिन धीरे-धीरे उसकी आंखों की रोशनी जाने लगती है. और अंत में वह अंधा हो जाता है. यह जानकर आप हैरान हो सकते हैं लेकिन यह बात बिल्कुल सच है।
ऐसी है इनकी जिंदगी…
बात करें इनके खानपान की तो ये खाने में सेम, बाजरा और मिर्च खाते हैं. अनाज खाने तक तो समझ में आता है. लेकिन सूखी मिर्ची भला कौन खाता है. इनके पास लकड़ी से बने औजार रहते हैं. जिनसे वे काम करते हैं. ये रात का खाना खाकर, फिर शराब पीते हैं. और नाच-गाना करते हुए सो जाते हैं. लेकिन सबसे अजीब बात ये है. कि इस गांव के ऊपर ऐसा कौनसा परछावा है जो यहां रहने वाले इंसान से लेकर जीव-जंतु तक अंधे हैं. इसके पीछे गांव वालों की मान्यता है. जिसके बारे में जानकर आपको और तेज झटका लग सकता है।
पेड़ कर देता है सबको अंधा…
सबसे बड़ा सवाल है कि इस गांव के लोग अंधे क्यों हो जाते हैं. गांव वाले इसके पीछे की वजह एक पेड़ को मानते हैं. इस पेड़ का नाम ‘लावजुएजा’ है। इसे देखने के बाद लोग अंधे हो जाते हैं. जब वैज्ञानिकों को इस बात का पता चला तो वे भी इस गांव की तरफ आकर्षित हुए. उन्होंने इसके पीछे का कारण जानने की कोशिश की. वैज्ञानिकों ने पाया कि जिस पेड़ को लोग रहस्यमयी समझ रहे हैं असल में वैसा कुछ था ही नहीं। उनका कहना है कि उस पेड़ को देखने के बाद भी पर्यटक तो साफ देख पाते हैं। वैज्ञानिकों ने इसके पीछे का एक अलग कारण बताया।
एक्सपर्ट्स का क्या मानना हैं..
एक्सपर्ट्स का मानना है. कि यह गांव जहां स्थित हैं. वहां पर जहरीली मक्खियां पाई जाती है. ये समस्या उन्हें एक काली मक्खी के काटने के कारण होती है. इस विषैली मक्खी के काटने से उनके शरीर में एक तरह के कीटाणु फैल जाते हैं जो कि उनकी आंखों के नसों को ब्लॉक कर देते हैं. जिससे दिखना बंद हो जाता है. ये एक विशेष तरह की काली मक्खियां होती हैं. जो 1 इंच के पांचवे भाग के बराबर होती हैं. जब यह मक्खियां किसी को काटती हैं. तो यह कीटाणु उसके शरीर में प्रवेश कर जाते हैं. कुछ दिनों में काटने वाली के शरीर में सूजन आ जाती है. धीरे-धीरे ये कीटाणु आंखों कि दोनों नसों को अस्त-व्यस्त कर देते हैं. जिससे जल्दी ही व्यक्ति अंधा हो जाता है।
गांव की किसी भी झोपड़ी में नहीं है खिड़कियां…
दरअसल, इस गांव में किसी भी झोपड़ी में आपको एक भी खिड़की देखने को नहीं मिलेगी। गांव में तकरीबन 70 झोपड़ियां बनी हुई हैं। इनकी दुनिया अजीबोगरीब बातों से भरी हुई है, फिर चाहें आप इनके खानपान या रहन-सहन को ले लें। गांव में बनी किसी भी झोपड़ी में आपको कोई खिड़की नहीं नजर आएगी। इसके पीछे का कारण भी साफ है क्योंकि इन्हें रोशनी की जरूरत ही नहीं पड़ती. यहां जोपोटेक जाति के लगभग 300 रेड इंडियन रहते हैं।
बता दे कि सरकार ने इन लोगों को दूसरी जगह बसाने की कोशिश की थी. लेकिन उनका शरीर दूसरी जलवायु में एडाप्ट नहीं कर पाया. इस वजह से लोगों को मज़बूरी में उनके ही हाल पर छोड़ना पड़ गया।
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