चंदौली जिले में धान और गेहूं खरीद में भ्रष्टाचार के मामले में उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव फेडरेशन (PCF) के प्रबंध निदेशक संजय कुमार ने चंदौली के जिला प्रबंधक इंद्रेश कुमार और प्रभारी लेखाकार महेंद्र कुमार को निलंबित कर दिया. बता दें कि बिना काम कराये करोड़ों के भुगतान के इस मामले में सहकारी समिति नादी निधौरा के प्रतिनिधि अजीत सिंह की शिकायत पर सहकारिता मंत्री ने इसकी जांच कराई थी. जांच में अजीत सिंह के आरोपों की पुष्टि के बाद यह कार्रवाई की गई. बिना काम कराये ठेकेदारों को भुगतान के इस मामले में अभी और कई अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है.
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गौरतलब है कि पीसीएफ साधन सहकारी समिति नादी निधौरा के प्रतिनिधि अजीत सिंह ने जिले में धान और गेहूं खरीद के दौरान हैंडलिंग भुगतान और कमीशन में करोड़ों के भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए पिछले 23 नवम्बर 2023 को प्रदेश के सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर को पत्र लिखा था. शिकायतकर्ता अजीत ने इस मामले में सहकारिता विभाग के अधिकारियों पर धन उगाही का भी आरोप लगाया था. कहा था कि अधिकारी मिलरों और क्रय एजेंसियों से मिलकर धन उगाही करते हैं. कहा गया है कि क्रय केंद्रों में हैंडलिंग का काम ठेकेदारों ने नहीं बल्कि केंद्र प्रभारियों ने किया और भुगतान में करोड़ों रुपये का गोलमाल हुआ है. अजीत सिंह की इस शिकायत को सहकारिता मंत्री ने गंभीरता से लिया.इसके बाद उनके निर्देश पर वाराणसी मंडल के उप निबंधक सात दिसम्बर को चंदौली में जांच करने आए थे.
हैंडलिंग के भुगतान और संघ की छवि धूमिल करने का पाया गया दोषी
इसके बाद उन्होंने जनवरी में अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी. जांच में पीसीएफ के कनिष्ठ सहायक और प्रभारी लेखाकार महेंद्र कुमार को हैंडलिंग का भुगतान ठेकेदारों को करने और पीसीएफ के जिला प्रबंधक इंद्रेश कुमार को भ्रष्टाचार और संघ की छवि धूमिल करने का दोषी पाया गया है. इसके बाद दोनों को निलंबित कर दिया गया. निलंबित जिला प्रबंधक इंद्रेश सिंह व लेखाकार महेंद्र कुमार के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए पीसीएफ मुख्यालय के प्रबंधक मुकुल कुमार लाल को जांच अधिकारी नामित किया गया है. जिला प्रबंधक को पीसीएफ मुख्यालय से संबद्ध कर दिया गया है. इस मामले में दो और कर्मचारियों के खिलाफ जांच चल रही है.