यूपी का चुनावी रिपोर्ट कार्ड, भाजपा के आगे शून्य रहीं विपक्षी पार्टियां, सपा भी फेल

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यूपी नगर निकाय चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने प्रचंड जीत दर्ज की है। इस बार के चुनाव में भाजपा ने जीत दर्ज करते हुए इतिहास रच दिया है। प्रदेश में पहली बार मेयर की सभी सीटों पर भगवा लहरा दिया है। वहीं छानबे और स्वार सीट के विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी के सहयोगी अपना दल एस ने जीत दर्ज की है। बीजेपी को टक्कर देने में विपक्ष एक बार फिर फेल हो गया है। निकाय चुनाव के परिणाम ने भाजपा के लिए 2024 की चुनावी राह आसान कर दी है।

2023 में शानदार रहा बीजेपी का प्रदर्शन

यूपी नगर निकाय चुनाव न्यूजउत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव 2023 में बीजेपी का प्रदर्शन शानदार रहा। शहरों में बीजेपी ने क्लीन स्वीप किया। सभी 17 नगर निगमों में बीजेपी के मेयर चुने गए। नगर पालिका परिषद और नगर पंचायत में हालांकि समाजवादी पार्टी से उसे कड़ी टक्कर मिली। नगर निकाय चुनाव में करीब चार करोड़ वोटरों ने 760 नगर निकायों का फैसला किया। 2017 में नगर सरकार के गठन के बाद 12 दिसंबर 2022 को कार्यकाल समाप्त हो चुका है। प्रदेश के 17 नगर निगम, 199 नगर पालिका परिषद और 544 नगर पंचायतों में चुनावी प्रक्रिया पूरी हो गई है।

यूपी के शहरों में लहराया भगवा झंडा

यूपी के शहरी निकायों के शनिवार को आए नतीजों में एक बार फिर भगवा लहर देखने को मिली है। सत्तारूढ़ भाजपा ने मेयर की सभी 17 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि विपक्ष अपना खाता तक नहीं खोल सका। वहीं, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में भी भाजपा ने अपनी जीत का दायरा और बढ़ाया है। दोनों ही निकायों में अध्यक्ष पद की 45% से अधिक सीटों पर सत्तारूढ़ दल या तो जीत चुका है या बढ़त बना रखी है। प्रदेश में 17 नगर निगमों, 199 नगर पालिकाओं और 544 नगर पंचायतों के अध्यक्ष व सदस्य के पदों के लिए मतदान दो चरणों में 4 और 11 मई को हुआ था।

विपक्षियों के गढ़ में भी खिला कमल

मिर्जापुर की छानबे विधानसभा पर हुए उपचुनाव में अपना दल एस उम्मीदवार रिंकी कौल की जीत हुई है। अंतिम चरण की मतगणना में रिंकी कोल 9589 मतों से विजय हुईं। वहीं रामपुर की स्वार सीट से सपा ने अनुराधा चौहान और अपना दल ने शफीक अहमद अंसारी को उम्मीदवार बनाया था। जहां पर भाजपा के सहयोगी दल ने जीत दर्ज की है। अपना दल शफीक अहमद अंसारी को 67434 वोट मिले। वहीं सपा प्रत्याशी अनुराधा चौहान को 57710 वोट मिले हैं। इस सीट पर समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी में कांटे की टक्कर देखी गई। स्वार सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान को एक मामले में सजा होने के बाद रिक्त हुई सीट पर उपचुनाव हुए थे।

प्रदेश में बीजेपी रिपोर्ट कार्ड

बीजेपी ने 199 नगर पालिकाओं में से 60 में जीत हासिल की थी. लेकिन इस बार पार्टी आंकड़े दोगुने हैं। साथ ही 545 नगर निकायों में पार्टी पिछली बार की तुलना में ढाई गुना अधिक सीटें जीती है। नगर निगम में 1,420 वार्ड में से बीजेपी ने 2017 में 596 पर अब तक के 794 नतीजों में से 438 सीटें जीत चुकी है। पार्टी मान कर चले कि पिछली बार से दुगने पार्षद नगर निगमों में जीत रहे हैं। नगर पालिका के 5,327 पार्षद पदों में से 1,366 के परिणाम आ चुके हैं, जिनमें से भाजपा 638 सीटें जीत चुकी है। नगर पंचायतों में भी 7,177 पार्षद के चयन होने थे और अभी तक 2,457 सीटों में से भाजपा 933 जीत चुकी है।

यूपी में सीएम योगी अकेले हैं काफी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 50 से अधिक जनसभाएं कर पार्टी के लिए चुनावी ज़मीन तैयार की थी। इसमें तो कोई दो राय नहीं है कि इस चुनाव में जितनी मेहनत योगी आदित्यनाथ ने की है, उतनी मेहनत विपक्षी दल के किसी नेता ने नहीं की है। सारी सीटों को योगी आदित्यनाथ ने प्रतिष्ठा का प्रश्न बना रखा था।”

भाजपा ने जीत की कर रखी थी तैयारी

उदाहरण के तौर पर अयोध्या की सीट उनके लिए बहुत मायने रखती थी। अयोध्या में विकास कार्यक्रमों के लिए हुई तोड़ फोड़ तो की वजह से थोड़ा लग रहा था कि कहीं ऐसा ना हो की वो चूंक जाएं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने ट्रिपल इंजन की सरकार का नारा भी दिया था जिसमे उन्होंने देश, प्रदेश और शहर तीनों जगह भाजपा के शासन का मॉडल जनता के सामने रखा था।

निकाय चुनाव ने आसान कर दी 2024 की राह

यह चुनाव नगर निकाय के हैं, लेकिन 2024 में आम चुनावों से पहले यूपी की 80 लोकसभा सीटों का ये लिटमस टेस्ट या कहें सेमीफाइनल भी है। इस चुनाव के रिजल्ट से राजनीतिक दल उत्तर प्रदेश में 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए अपनी-अपनी तैयारी को परखेंगे। बीजेपी ने इस चुनाव में अपनी पूरी ताक़त लगाई है और अपने हक़ में बेहतर नतीजों की उम्मीद कर रही है।

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