बनारस में असदुद्दीन ओवैसी के भडकाऊ भाषण को लेकर चुनाव आयोग ने भेजा नोटिस
वाराणसी : लोकसभा चुनाव के मद्देनजर वाराणसी में AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पिछले दिनों पीडीएम न्याय मोर्चा की जनसभा में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी और आरएसएस पर निशाना साधा. वहीं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर भी जमकर हमला बोला. हालांकि इसको लेकर ओवैसी की मुश्किलें बढ़ गई हैं. चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस भेजा है.
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भाजपा विधि प्रकोष्ठ ने दर्ज कराई शिकायत
ओवैसी के इस भाषण पर भाजपा ने ऐतराज जताया था. वहीं भाजपा विधि प्रकोष्ठ ने इस पर नाराजगी जताते हुए चुनाव आयोग से ओवैसी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. जिसे संज्ञान में लेते हुए चुनाव आयोग ने PDM के जिलाध्यक्ष को नोटिस जारी करते हुए इस पर सात दिन के भीतर जवाब मांगा है.
अल्पसंख्यकों को भड़काने की थी मंशा
बता दें कि भाजपा विधि प्रकोष्ठ काशी क्षेत्र संयोजक अधिवक्ता शशांक शेखर त्रिपाठी ने पिछले दिनों चुनाव आयोग से इसकी शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ऊपर कई गलत, झूठ और अनर्गल आरोप लगाये हैं. वहीं अल्पसंख्यक समाज को भड़काकर उनका ध्रुवीकरण करने के लिए भी कई प्रकार के गलत व झूठे बयान दिए. समाज की धार्मिक भावनाओं को भड़काने का प्रयास किया गया. इसके लिए अधिवक्ता ने चुनाव आयोग से इसकी शिकायत की है.
सिर्फ कुछ वर्ग के घरों पर चल रहे हैं बुलडोजर
असदुद्दीन ओवैसी ने पिछले दिनों वाराणसी में आयोजित सभा में शामिल हुए थे. वहीं उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की जेलों में सबसे ज्यादा दलित, पिछड़ा, आदिवासी और मुसलमान हैं. बुलडोजर से घर हमारा तोड़ा जाता है. पैर में गोली हमारे मारी जाती है और जेल में जहर हमें दिया जाता है. इसलिए हम चाहते हैं कि हम सिर्फ वोट डालने वाले न रह जाएं. हम वोट लेने वाले भी बने. ओवैसी ने आरोप लगाया कि मुख्तार अंसारी को न्यायिक अभिरक्षा में मार दिया गया. वह शहीद है और ऐसे लोग कभी मरा नहीं करते. वो जिंदा रहते हैं. उन्हें बचाने की जिम्मेदारी भाजपा सरकार की थी, मगर वह नाकाम रही. बता दें कि AIMIM प्रमुख मुख्तार अंसारी के मौत के बाद उनके परिवारजनों से मिलने पैतृक गांव भी पहुंचे थे.