किडनी स्टोन यानी पथरी एक गंभीर समस्या है. पथरी का दर्द असहनीय होता है. शरीर में पथरी किडनी या गॉल ब्लैडर दोनों में किसी भी जगह पर बन सकती है. आमतौर पर किडनी में बनने वाली पथरी दवाइयों की सहायता से यूरीन के जरिए बाहर निकल जाती है, लेकिन गॉल ब्लैडर यानी पित्त की थैली में बनने वाली पथरी ऑपरेशन के जरिए शरीर से बाहर निकाली जाती है.
किडनी में छोटा सा स्टोन हो, तो भी कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स की वजह बन जाता है. स्टोन की वजह से क्रोनिक किडनी रोग होने का आशंका रहता है. क्या आप जानते हैं कि शरीर में स्टोन किस वजह से बन जाते हैं?
ये स्टोन अगर शरीर में लंबे समय तक रहें तो गंभीर समस्या उत्पन्न कर देते हैं. इससे मूत्र में रुकावट उत्पन्न हो सकती है. अगर ये स्टोन मूत्रवाहिनी की ओर चले जाते हैं, तो इससे मूत्र नली के आसपास दर्द, मूत्र में रक्त, उल्टी और मितली, मूत्राशय में सफेद रक्त कोशिकाओं या मवाद होना, मूत्र की मात्रा में कमी, मूत्र करते समय जलन, बार-बार मूत्र की इच्छा होना, बुखार या ठंड लगना प्रमुख लक्षण उभरते हैं।
वैसे तो किडनी स्टोन मुख्यतः 8 प्रकार के होते हैं
कैल्शियम स्टोन : कैल्शियम स्टोन सबसे कॉमन प्रकार है | यह कैल्शियम ऑक्सलेट (सबसे आम), फॉस्फेट, या मेलिएट के मेल से बने है | इसको नियंत्रण में करने के लिए आपको आलू, मूंगफली, चॉकलेट, चुकंदर और पालक की मात्रा कम करने होगी |
यूरिक एसिड स्टोन : यह प्रकार पुरूष में अधिक पाया जाता है महिलाओं के मुकाबले में | जो लोग कीमोथेरेपी और गाउट की समस्या से जूझ रहे है उनमे में यह बहुत ही कॉमन है | जब मूत्र में एसिड की मात्रा बढ़ जाती है तो इस प्रकार के स्टोन बनते है |
स्ट्रूवाइट स्टोन : यह प्रकार ज्यादातर महिलायों में होती है जिनको मूत्र-पथ से संक्रमण है | इन स्टोन का आकर बड़ा हो सकता है जो की मूत्र में बाधा डाल सकते है |
सिस्टीन स्टोन इस स्टोन के मामले बहुत ही काम है | इस प्रकार के स्टोन महिलाओं और पुरुषों में पायी जाती है |
कैल्शियम स्टोन : कैल्शियम स्टोन सबसे कॉमन प्रकार है | यह कैल्शियम ऑक्सलेट (सबसे आम), फॉस्फेट, या मेलिएट के मेल से बने है | इसको नियंत्रण में करने के लिए आपको आलू, मूंगफली, चॉकलेट, चुकंदर और पालक की मात्रा कम करने होगी |
यूरिक एसिड स्टोन : यह प्रकार पुरुष में अधिक पाया जाता है महिलाओं के मुकाबले में | जो लोग कीमोथेरेपी और गाउट की समस्या से जूझ रहे है उनमे में यह बहुत ही कॉमन है | जब मूत्र में एसिड की मात्रा बढ़ जाती है तो इस प्रकार के स्टोन बनते है |
स्ट्रूवाइट स्टोन: यह प्रकार ज्यादातर महिलाओं में होती है जिनको मूत्र-पथ से संक्रमण है | इन स्टोन का आकार बड़ा हो सकता है जो की मूत्र में बाधा डाल सकते है |
सिस्टीन स्टोन : इस स्टोन के मामले बहुत ही काम है | इस प्रकार के स्टोन महिलाओं और पुरुषों में पायी जाती है |
डॉक्टर्स कहते हैं शरीर में पानी की कमी, पथरी का मुख्य कारण है. विटामिन-डी या कैल्शियम की खुराक लंबे समय तक ली जाए तो इससे शरीर में कैल्शियम का स्तर बढ़ जाता है. जिससे गुर्दे की पथरी हो सकती है.एक जगह बैठे रहने और मोटापे के अलावा, उच्च रक्तचाप और कैल्शियम का शरीर में अवशोषण कम होने से भी पथरी हो सकती है.
ये सब खाने से नहीं होगा पथरी: ऑक्सलेट वाले खाद्य पदार्थो को सीमित करें. आमतौर पर चॉकलेट, बीट्स, नट्स, पालक, स्ट्रॉबेरी, चाय और गेहूं की चोकर में ऑक्सलेट अधिक पाया जाता है पशु प्रोटीन कम खाएं. पशु प्रोटीन में अम्लीय पदार्थ अधिक होते हैं और यूरिक एसिड में वृद्धि होती है. उच्च यूरिक एसिड से पथरी बन सकती है.