चिकित्साधिकारी दलित थी इसलिए नहीं पिलाया पानी, FIR दर्ज
उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को दलित होने के कारण पानी नहीं पिलाने के मामले में छह लोगों के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज की गयी है।
जिन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है उनमें से तीन ग्राम प्रधान, एक ग्राम पंचायत विकास अधिकारी, एक क्षेत्र पंचायत सदस्य तथा एक कोटेदार शामिल हैं।
वह अपने साथ पानी की बोतल लेकर गई थीं
उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. सीमा ने बताया कि वह डीपीआरओ के निर्देश पर 31 जुलाई को विकास कार्यों की समीक्षा करने मंझनपुर विकास खण्ड के अंबावा पूरब गांव गई थीं। वह अपने साथ पानी की बोतल लेकर गई थीं।
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उन्होंने बताया कि निरीक्षण देर तक चलने के कारण उनकी बोतल में पानी खत्म हो गया था। उन्होंने वहां मौजूद पदाधिकारियों से पानी मांगा। आरोप है कि पानी मांगने के बावजूद सभी ने दलित होने के कारण उन्हें पानी देने से इनकार कर दिया। अधिकारी ने जब ग्रामीणों से पानी मांगा तो उन्हें भी इशारा करके मना कर दिया गया।
प्रदीप गुप्ता को इस मामले में केस दर्ज करने के निर्देश दिए
डॉक्टर सीमा ने बुधवार को इस मामले में डीएम मनीष वर्मा से लिखित शिकायत की। डीएम ने एसपी प्रदीप गुप्ता को इस मामले में केस दर्ज करने के निर्देश दिए।
दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी
एसपी ने अंबावा पूरब के ग्राम प्रधान शिवसंपत, ग्राम भैला मकदूमपुर के प्रधानपति पवन यादव, ग्राम संइबसा के प्रधान अंसार अली, ग्राम अंबावा पुरब के क्षेत्र पंचायत सदस्य झल्लर तिवारी, ग्राम अंबावा पूरब के कोटेदार राजेश सिंह तथा ग्राम पंचायत विकास अधिकारी रविदत्त मिश्रा के खिलाफ एससी-एसटी कानून के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस अधीक्षक प्रदीप गुप्ता ने बताया कि प्रकरण की जांच कराई जा रही है। जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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