दीपावलीः पटाखे न कर दें त्योहार का रंग फीका, बरतें ये सावधानियां

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वाराणसी : दीपावली यानि दीपों का त्योहार. इस त्योहार का नाम सामने पर चारों तरह खुशियों का माहौल आंखों के सामने दिखाई पड़ने लगता है. रंग-बिरंगी लाइटें, तरह के पकवान संग मिठाइयां. हर तरह साफ –सफाई, जगमगाती व रंग बिरंगे झालरों संग दीयों की रौशनी से जगमगाते घर इस दीपावली पर खिल जाते हैं.

इन सबके बीच बच्चों व युवाओं के लिए अपनी खुशियां बिखरने के लिए तमाम तरह के पटाखें, लड़ियां, फुलझड़ी, चटाई आदि जलाने व एक्टीविटी उनके सपनों में रंग भरने का काम करती है. खासकर दीपावली पर बच्चें व युवा पटाखे जलाना व चलाना नहीं भूलते. वहीं इस दौरान छोटी से लापरवाही पूरे त्यौहार का मजा किरकिरा कर सकती है. तो आइए जानते हैं कि दीपावली पर पटाखों के जलाने या चलाने के दौरान वे कौन सी सावधानियां बरते जिससे त्योहार का रंग कहीं से भी फीका न पड़ने पाए.

पटाखे चलाते वक्त बरते ये सावधनियां

l. अगर बच्चे पटाखे जला रहे हैं तो बड़े अवश्य ही उनके साथ रहें. उनके साथ में खुशियां मनाएं और उन पर नजर भी रखें.
2. छोटे बच्चों को बम, अनार, जलेबी, राकेट इत्यादि न चलाने दें. आप स्वयं सावधानीपूर्वक चलाएं और साथ में इसका आनंद लें.
3. सबसे अधिक जलने की घटनाएं अनार से होती हैं. इसलिए हाथ में अनार लेकर कतई ना चलाए . कभी-कभी अनार फट भी जाते हैं,इसलिए इसे जलाते वक्त उसके ऊपर चेहरा ना रखें. डंडे पर मोमबत्ती लगाकर दूर से जलाएं.
4. पटाखे से जलाये जाने के दौरान गलती से भी कोई जल जाए तो तत्काल ही उस स्थान पर तुरंत पानी डालें. आप बर्फ का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. जलने का स्थान ठंडा करने से जलन से काफी राहत मिलती है और उसकी गहराई भी कम होती है. इसके साथ ही फफोले से बचने के लिए किसी टूथपेस्ट, तेल, घी या ऐसी कोई भी पदार्थ का इस्तेमाल न करें, किसी मलहल का इस्तेमाल करें. यदि फफोले पड़ भी जाए तो घबराए नहीं क्योंकि ये कम गहरा जलने की निशानी है,जो अच्छा होता है.
5. यदि चेहरा या हाथ झुलस जाए तो प्राथमिक उपचार कर जल्द से जल्द डॉक्टार को दिखाएं. इसे अनदेखा करना भारी पड़ सकता है.
6. बम हाथ में लेकर न बजाएं. हाथ में फटने पर अत्यंत गंभीर चोट आती है. बम के न फटने पर उसे हाथ में लेकर ना देखें. किसी डंडे की सहायता से उसे दूर से चेक करें.
7. जलेबी जलाकर नंगे पांव उसके बगल में ना कूदें. जलेबी की चिंगारी से कपड़ों में आग लग सकती है. ढीले-ढाले सिंथेटिक कपडे पहन कर पटाखे ना जलाएं, सूती कपड़े पहने.
8. फुलझड़ी जलाकर उसे शरीर से दूर ही रखें ,दूसरों की तरफ ना दिखाएं. स्काई-शूटर और रॉकेट सही तरीके से रख के जलाएं, ताकि दूसरों को इससे कोई भी क्षति न हो सकें.
9. पालतू कुत्तों को शोर से दूर बांध दें. शोर से जानवरों को परेशानियां होती है. उन्हेंर खाना दे कर दूर हो जाएं. उसके पास पटाखे न लें जाए क्योंकि इससे उनका व्यवहार आक्रामक हो सकता है.

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10. बड़े बूढ़ों ,बीमार व्यक्तियों का ख्याल करें, ज्यादा शोर ना करें. इससे उन्हे और भी परेशानियां हो सकती है.
11. सांस की बीमारी पटाखों के धुएं से बढ़ जाती हैं. मरीज इनहेलर, मास्की का स्तेमाल करें और धुएं से दूर रहें. आप भी उन्हें धुआं से दूर रखने का प्रयास करें.
12. पटाखों से ध्वनि और वायु प्रदूषण होता है ,जो हानिकारक है. इसलिए जिम्मेदार नागरिक की तरह व्यवहार करें. अत्यधिक पटाखे न जलाएं.
13. दिपक और मोमबत्ती सुरक्षित स्थांन पर लगाएं जहां किसी करण वश उनके गिरने पर आग ना लग सके.
14. बिजली की झालर के तार को चेक कर लें कि कहीं वे कटे, छिले ना हो. इससे लोहे की रेलिंग इत्यादि में करेंट आ सकता है.
इन सब सावधानियों को बरतते हुए खुशियों के इस त्यौहार को मनाएं. दीपावली में पटाखे जलाते वक्त ऐसे बरते सावधानियां

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