फिल्म को अलग तरीके से पेश करना चाहती हूं : रुचि नारायण
फिल्म ‘हजारों ख्वाहिशें ऐसी’ के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार जीत चुकीं निर्देशिका रुचि नारायण अपनी फिल्मों को दर्शकों के सामने अलग अंदाज में प्रस्तुत करती हैं और उनके अनुसार, उन्होंने अपने इस हुनर को आगामी एनिमेशन फिल्म ‘हनुमान द दमदार’ में बखूबी इस्तेमाल किया है। इस फिल्म में सलमान खान और जावेद अख्तर सरीखे दिग्गजों की धाक देखने को मिलेगी।
रुचि की यह फिल्म इससे पहले बनीं फिल्मों की तरह हनुमान के जीवन पर आधारित है, लेकिन वास्तव में यह अन्य फिल्मों से अलग भी है। इसके सभी किरदारों की आवाज सलमान खान, जावेद अख्तर, रवीना टंडन, चंकी पांडे, विनय पाठक और मकरंद देशपांडे जैसे नामचीन कलाकारों ने दी है और यही नहीं फिल्म में चरित्रों को आवाज देने वाले कलाकार के व्यक्तित्व की झलक भी देखने को मिलेगी।
फिल्म के प्रचार के सिलसिले में दिल्ली आईं रुचि ने कहा, “मैं बताना चाहती हूं कि यह फिल्म इससे पहले बनीं फिल्मों से अलग होगी। यह फिल्म हनुमान के बचपन और उनके द्वारा अपनी शक्तियों की प्राप्ति की खोज पर आधारित है। हमने फिल्म में नए डॉयलॉग, नामचीन आवाजें और उनकी अदाकारी के माध्यम से फिल्म को एक दम नए अंदाज में परोसने की कोशिश की है।”
रुचि से जब पूछा गया कि एनिमेशन की ओर कैसे आकर्षित हुईं? तो उन्होंने बताया, “एनिमेशन आपकी कल्पना को किसी अन्य माध्यम से अधिक विस्तार देती है। आप एनिमेशन फिल्म की पटकखा के दायरे को मनमुताबिक बढ़ा सकते हैं, जबकि सजीव फिल्मों में आपको भौतिक चीजों का दामन नहीं छोड़ना होता है।”
हनुमान के चरित्र के लिए सलमान खान के चुनाव का ख्याल कैसे आया? इस पर रुचि ने कहा, “अगर आप किसी से भी पूछेंगे कि हनुमान के किरदार के लिए बॉलीवुड का कौन-सा अभिनेता फिट बैठता है तो मुझे लगता है कि उसका जवाब सलमान खान ही होगा। वह बजरंगी भाईजान में हनुमान भक्त बने थे, जिसमें उनके हनुमान भक्त किरदार को बहुत पसंद किया गया था।”
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हनुमान के किरदार पर इससे पहले ‘मारुति’ ‘बाल हनुमान’ और ‘हनुमान रिटर्न्स’ जैसी कई फिल्में बन चुकी हैं। ‘हनुमान द दमदार’ को अन्य फिल्मों से अलग बताते हुए रुचि कहती हैं, “मैंने फिल्म की कहानी को इस तरह से कहने की कोशिश की है, जिससे लोग खुद को जोड़ सकें। हमने इस फिल्म में आम बोलचाल की भाषा का इस्तेमाल किया है। वहीं फिल्म के किरदारों में आपको आवाज देने वाले कलाकारों की झलक भी नजर आएगी।”
देश में बाल फिल्मों खासकर एनिमेटेड फिल्मों का बाजार कमाई के लिहाज से अच्छा नहीं माना जाता है? आपके अनुसार एनिमेटेड फिल्में कहां खड़ी होती हैं? रुचि ने कहा, “यह सच है कि बाल फिल्मों का बाजार अच्छा नहीं है, लेकिन फिर भी हमारे यहां ऐसी फिल्में बनती हैं और पसंद भी की जाती हैं। बच्चों की फिल्में मनोरंजक होती हैं, जिसमें कभी-कभी गंभीर संदेश छुपा होता है। अगर आप मनोरंजक और अलग हटकर कोई फिल्म बनाएंगे तो लोग उसे जरूर पसंद करेंगे।”
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