दिग्विजय सिंह ‘राजनीति से ले रहे है छुट्टी’
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने अब कुछ दिन के लिए राजनीति से छुट्टी लेने का मन बना लिया है। छह महीने के लिए दिग्विजय सिंह राजनीति से दूर रहेंगे। सोमवार सुबह दिग्विजय ने राहुल से मुलाकात की। इसके बाद दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस मुख्यालय आकर कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा से मुलाकात की और एआईसीसी को छह महीने के लिए छुट्टी ले ली।
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फिलहाल दिग्विजय सिंह पार्टी महासचिव बने रहेंगे…
राजनीति से छह महिने की छुट्टी लेकर नर्मदा यात्रा पर जायेंगे। फिलहाल दिग्विजय सिंह पार्टी महासचिव बने रहेंगे, लेकिन किसी राज्य का प्रभार नहीं देखेंगे। कांग्रेस के दिग्गज महासचिव और दो बार के मध्य प्रदेश के सीएम रह चुके दिग्विजय सिंह ने राजनीति से छह महीने के लिए दूर रहने का फैसला लिया है। सोमवार को छुट्टी से पहले आखिरी बार 24 अकबर रोड आये दिग्गी ने पार्टी का काम कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा को सौंपा।
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गैर राजनीतिक और आध्यात्मिक यात्रा बता रहे हैं
दिग्विजय सिंह फिलहाल महासचिव होने के साथ साथ आंध्र प्रदेश के प्रभारी भी हैं। राहुल की गुजरात यात्रा से पहले उन्होंने पार्टी उपाध्यक्ष राहुल से मिलकर अपनी यात्रा की जानकारी दी और राहुल को उनकी गुजरात यात्रा के लिए शुभकामनाएं दीं। इससे पहले वो शनिवार को इस सिलसिले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर चुके हैं। 3300 किलोमीटर की नर्मदा परिक्रमा में उन्हें छह महीने लगेंगे। दिग्विजय इस यात्रा को गैर राजनीतिक और आध्यात्मिक यात्रा बता रहे हैं।
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उनकी यात्रा ने राज्य में सियासी सुगबुगाहट
दिग्विजय सिंह भले ही अपनी यात्रा को राजनीतिक मकसद से परे बता रहे हों, लेकिन मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले उनकी यात्रा ने राज्य में सियासी सुगबुगाहट पैदा कर दी है। नर्मदा के किनारे-किनारे अपनी 3300 किलोमीटर की यात्रा के दौरान दिग्गी मध्यप्रदेश की 110 विधानसभा सीटों और गुजरात की 20 विधानसभा सीटों से गुजरेंगे। हालांकि दिग्गी राज्य की राजनीति में लौटने से इंकार करते रहे हैं।
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उनका राजनितिक भविष्य क्या होगा…
मध्य प्रदेश का विधानसभा चुनाव 2003 में हारने के बाद दिग्गी ने कहा था कि, वो अगले 10 साल कोई चुनाव नहीं लड़ेंगे और उन्होंने उसका पालन भी किया। 2004 से वो पार्टी के महासचिव हैं, लेकिन कुछ महीने पहले उन्होंने सोनिया गांधी से मिलकर सभी राज्यों का प्रभार लेने की गुजारिश की थी। कांग्रेस ने उन्हें पार्टी की गतिविधियों से लगभग मुक्त कर दिया था। अब जब छह महीने बाद दिग्विजय सिंह संगठन में वापसी करेंगे तो उनका राजनितिक भविष्य क्या होगा। इस पर तमाम कयास लगाये जा रहे हैं।
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