दिग्विजय सिंह लड़ेंगे कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव, जानिए उनका सियासी सफर
राजस्थान के राजनीतिक घटना के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद का चुनाव और भी दिलचस्प हो गया है. क्योंकि, मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम और कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने गुरुवार (29 सितंबर) को ऐलान किया कि वह भी कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ेंगे. इसके बाद उन्होंने नामांकन पत्र भी कलेक्ट कर लिया है. जानकारी के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पहुंचे दिग्विजय सिंह ने कहा कि मैं यहां अपना नॉमिनेशन फॉर्म कलेक्ट करने आया हूं और कल (30 सितंबर) नामांकन दाखिल करूंगा. इससे पहले, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के नाम पर संशय बना हुआ है. बता दें कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव की नामांकन तारीख 30 सितंबर है.
इस दौरान दिग्विजय सिंह ने आज पार्टी सांसद शशि थरूर से मुलाकात की. थरूर ने अपने ट्विटर हैंडल से अपनी और दिग्विजय सिंह की फोटो शेयर करते हुए लिखा
‘मैं कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए उनकी उम्मीदवारी का स्वागत करता हूं. हम दोनों इस बात पर सहमत थे कि हमारा मुकाबला बी/डब्ल्यू प्रतिद्वंदी नहीं है, बल्कि सहकर्मियों के बीच एक दोस्ताना मुकाबला है. हम बस इतना चाहते हैं कि जो जीतेगा, कांग्रेस जीतेगी!’
Received a visit from @digvijaya_28 this afternoon. I welcome his candidacy for the Presidency of our Party. We both agreed that ours is not a battle between rivals but a friendly contest among colleagues. All we both want is that whoever prevails, @incIndia will win!✋🇮🇳 pic.twitter.com/Df6QdzZoRH
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) September 29, 2022
बता दें शशि थरूर भी 30 सितंबर को अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करेंगे. दरअसल, दिग्विजय सिंह की उम्मीदवारी का ऐलान ऐसे वक्त में हुआ, जब सीएम गहलोत की उम्मीदवारी पर सस्पेंस कायम है. कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव पर राजस्थान के राजनीतिक संकट की छाया पड़ने और सीएम गहलोत की संभावित उम्मीदवारी पर प्रश्नचिन्ह लगने के बाद अब पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह शुक्रवार को चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करेंगे.
ऐसा रहा दिग्विजय सिंह का राजनैतिक सफर
दिग्विजय सिंह का राजनीतिक करियर काफी लंबा है. साल 1969 में दिग्विजय सिंह ने राघोगढ़ नगर निगम का अध्यक्ष बनने के साथ राजनीति की शुरुआत की थी. इसके बाद उन्होंने पलटकर नहीं देखा. राजीव गांधी के जमाने से गांधी परिवार के सबसे विश्वासपात्र लोगों में से एक दिग्विजय सिंह रहे हैं. राजीव गांधी ने ही उन्हें मध्य प्रदेश की कमान सौंपी थी. दिग्विजय सिंह ने ही सोनिया गांधी को सक्रिय राजनीति में लाने में अहम भूमिका निभाई थी. मौजूदा समय में दिग्विजय सिंह राहुल गांधी के करीबियों में से एक हैं. दिग्विजय सिंह साल 1993-2003 तक मध्य प्रदेश के सीएम रहे.
पूर्व सीएम अर्जुन सिंह की छत्रछाया में पाई सफलता
साल 2003 में चुनाव हारने के बाद उन्होंने 10 साल तक सक्रिय राजनीति में न आने का संकल्प लिया था. इसके बाद वह फिर से राजनीति में सक्रिय हुए. उन्होंने राजनीति में मध्य प्रदेश के ही पूर्व सीएम अर्जुन सिंह की छत्रछाया में सफलता पाई. इसके बाद दिग्विजय सिंह पीवी नरसिम्हा राव की पार्टी में शामिल हो गए थे. दिग्विजय को राहुल गांधी का राजनैतिक गुरु भी कहा जाता है. ऐसे में दिग्विजय सिंह द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने की घोषणा करने से मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि दिग्विजय सिंह पार्टी को इससे कैसे उबारते हैं.
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