लोग छतों पर पत्थर, पेट्रोल और तेजाब क्यों जमा करते हैं ?
धर्म की अफीम चाटने की जगह, नफरत फैलाने की जगह, प्यार मोहब्बत की बात करिए
[bs-quote quote=”यह लेख वरिष्ठ पत्रकार समरेंद्र सिंह की फेसबुक वॉल से लिया गया है। यह लेखक के निजी विचार हैं।” style=”style-13″ align=”left” author_name=”समरेंद्र सिंह” author_job=”वरिष्ठ पत्रकार” author_avatar=”https://journalistcafe.com/wp-content/uploads/2020/02/FB_IMG_1582899898671.jpg” author_link=” https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=662651387879001&id=100024024375542″][/bs-quote]
मैं आपको एक किस्सा सुनाता हूं। उससे शायद आपको पता चले कि लोग छतों पर पत्थर, पेट्रोल और तेजाब क्यों जमा करते हैं। शायद आपकी समझ में आए कि इस पत्थर, पेट्रोल और तेजाब का स्रोत क्या है? ये बात 1984 की है। जब मैंने यादों को सहेजना शुरू किया था। और उस शुरुआती प्रक्रिया की एक खौफनाक याद आज भी जिंदा है। ये बात इंदिरा गांधी की हत्या के तुरंत बाद की है। मैं प्रत्यक्ष तौर पर भुक्तभोगी नहीं हूं, लेकिन अप्रत्यक्ष तौर पर प्रभावित जरूर हूं।