जिग्नेश नहीं कर पाएंगे रैली, दिल्ली पुलिस ने लगाई रोक
गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी की मंगलवार को राजधानी दिल्ली में होने वाली युवा हुंकार रैली को लेकर विवाद हो गया है। पुलिस ने नैशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल रैली के आदेशों का हवाला देते हुए रैली की इजाजत देने से इनकार कर दिया है, जबकि रैली का आयोजन करने वाले संगठन और जिग्नेश रैली करने पर अड़ गए हैं। ऐसे में रैली को लेकर टकराव के हालात पैदा हो सकते हैं। किसी तरह की अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए भारी संख्या में पुलिसबल तैनात किया गया है।
डीसीपी ने ट्वीट कर बताया, कहीं और करो रैली
सोमवार रात दिल्ली डीसीपी की ओर से ट्वीट कर बताया गया कि एनजीटी के आदेशों को ध्यान में रखते हुए पार्लियामेंट स्ट्रीट पर प्रस्तावित प्रदर्शन को दिल्ली पुलिस ने इजाजत नहीं दी है। उन्होंने यह भी कहा कि रैली के आयोजकों को लगातार यह सलाह दी जा रही है कि वे अपना प्रदर्शन किसी दूसरी जगह पर आयोजित करें, लेकिन वे मानने को तैयार नहीं हैं।
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‘डीसीपी सर रैली तो वहीं कराएंगे’
डीसीपी के ट्वीट के बाद इसे लेकर बयानबाजी तेज हो गई। रैली के आयोजन में शामिल लेफ्ट पार्टियों के नेताओं के दिल्ली पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। पुलिस को जवाब देते हुए लेफ्ट की नेता और जेएनयू छात्रसंघ की उपाध्यक्ष रह चुकीं शहला रशीद ने कहा कि रैली वहीं होगी। डीसीपी के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा, ‘डीसीपी सर, रैली तो वहीं कराएंगे।’
DCP Sir, rally to wahin karayenge 🙂 https://t.co/UzC10xAPVg
— Shehla Rashid (@Shehla_Rashid) January 8, 2018
भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात
बता दें कि रैली के आयोजन को लेकर विवाद उसी दिन से शुरू हो गया था, जब से इसकी घोषणा की गई थी। आयोजकों में से एक और जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष मोहित कुमार पांडेय ने कहा, ‘2 जनवरी को रैली की घोषणा किए जाने के बाद से मेवाणी को एक देशद्रोही और शहरी नक्सली बताने वाले पोस्टरों पर बहुत सारा पैसा खर्च किया गया है। रैली पूर्व निर्धारित समय पर ही होगी।’ इस बीच संसद मार्ग के नजदीक कुछ पोस्टर्स लगाए गए हैं जिनमें मेवाणी को भगोड़ा बताया गया है। आयोजकों के तेवर देखते हुए पुलिस के कार्रवाई की चेतावनी देते हुए भारी संख्या में पुलिसबल तैनात किया है। माना जा रहा है कि अगर प्रदर्शनकारी इस तरफ आते हैं तो उन्हें हिरासत में ले लिया जाएगा।
जिग्नेश पर लगा है भड़काऊ भाषण देने का आरोप
बता दें कि पुणे के भीमा-कोरेगांव में हुई हिंसा और उसके बाद हुए बवाल को लेकर जिग्नेश मेवाणी पर भड़काऊ भाषण देने का केस दर्ज किया गया है। इसे लेकर मेवाणी ने दिल्ली में हुंकार रैली करने का ऐलान करते हुए कहा था कि वह एक हाथ में मनुस्मृति और एक हाथ में संविधान की प्रति लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय जाएंगे और पीएम मोदी से कहेंगे कि वह दोनों में से किसी एक को चुनें। मेवाणी ने कहा था कि गुजरात में 150 सीटों का दम भरने वाली बीजेपी 99 पर सिमट गई, इसलिए उन्हें निशाना बनाया जा रहा है।
(साभार- नवभारत टाइम्स)