दिल्ली शराब घोटाला मामला: CBI के पास कैसा सबूत, आखिर 90-90 लाख रूपए क्यों ??
शराब नीति 'घोटाले' से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 3 सितंबर तक बढ़ा दी है. अदालत ने केजरीवाल और अन्य के खिलाफ दाखिल सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर CBI की दलीलें सुनी हैं.
राउज एवेन्यू की एक विशेष अदालत ने शराब नीति ‘घोटाले’ से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 3 सितंबर तक बढ़ा दी है. अदालत ने केजरीवाल और अन्य के खिलाफ दाखिल सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर CBI की दलीलें सुनी हैं. केजरीवाल की न्यायिक हिरासत की अवधि मंगलवार को खत्म हो रही थी, इसलिए इस दिन उन्हें विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए स्पेशल जज कावेरी बावेजा के कोर्ट में पेश किया गया. इस दौरान अदालत ने उनकी हिरासत की अवधि 3 सितंबर तक बढ़ा दी.
40 उम्मीदवारों को 90 लाख रुपये देने का किया था वादा
अदालत फिलहाल इस संबंध में दलीलें सुन रही है कि CBI द्वारा केजरीवाल के खिलाफ दाखिल सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर संज्ञान लिया जाए या नहीं. CBI ने इस बात के सबूत होने का दावा किया कि मुख्यमंत्री ने 40 निर्वाचन क्षेत्रों के प्रत्येक उम्मीदवार को 90 लाख रुपये देने का वादा किया था.
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आरोप लगाया कि दुर्गेश पाठक गोवा चुनाव के प्रभारी थे और गोवा चुनाव में सारा पैसा दुर्गेश पाठक के निर्देश पर ही खर्च किया गया था. दुर्गेश दिल्ली से विधायक हैं.
सीबीआई के पास सबूत
वहीं सीबीआई ने इस बात के भी सबूत होने का दावा किया कि पैसा साउथ ग्रुप से आया था. इसके बाद CBI ने केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 14 दिनों के लिए बढ़ाने की मांग करते हुए एक आवेदन दायर किया.
केंद्रीय जांच एजेंसी ने कहा कि एक अन्य आरोपी विनोद चौहान के.कविता के पीए के साथ काम कर रहा था.
हिरासत के मुद्दे पर पहले विचार का किया अनुरोध
केस की सुनवाई के दौरान केजरीवाल ने अदालत से कहा कि उनका शुगर लेवल कम हो रहा है. उन्होंने अदालत से लंच करने की इजाजत मांगी और अपनी न्यायिक हिरासत के मुद्दे पर पहले विचार का अनुरोध किया. इसके बाद कोर्ट ने न्यायिक हिरासत 3 सितंबर तक बढ़ा दी. इस पूरे मामले में आगे की कार्यवाही भी उसी दिन होगी.