पांच करोड़ भारतीयों का ट्रूकालर डेटा लीक?
कंपनी का कहना है, ऐसा कोई डेटा लीक नहीं हुआ
मुंबई : पौने पांच करोड़ भारतीयों को ट्रूकालर Data लीक होने का मामला सामने आने के साथ ही कंपनी ने फौरन दावा कर दिया कि उसका Data सुरक्षित है।
ऑनलाइन इंटेलिजेंस फर्म कूदा
पॉप्युलर ऐप ट्रूकॉलर के करोड़ों यूजर्स का डेटा Data लीक होने का दावा ऑनलाइन इंटेलिजेंस फर्म Cyble की ओर से किया गया है। वहीं, कंपनी का कहना है कि ऐसा कोई डेटा लीक नहीं हुआ है और फर्जी Data के साथ ट्रूकॉलर का नाम इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे Data असली लगे। फर्म का कहना है कि करोड़ों यूजर्स का Data केवल 75,000 रुपये में मिल रहा है।
75,000 रुपये में ऑनलाइन खरीदा
साइबर क्रिमिनल की ओर से करीब 4.75 करोड़ इंडियन यूजर्स के Truecaller रेकॉर्ड्स लीक किए गए हैं और उन्हें खरीदा जा सकता है, कुछ रिपोर्ट्स में ऐसा दावा किया गया है। ऑनलाइन इंटेलिजेंस फर्म Cyble के मुताबिक, ये रेकॉर्ड्स करीब 75,000 रुपये में ऑनलाइन खरीदे जा सकते हैं। हालांकि, ट्रूकॉलर स्पोक्सपर्सन की ओर से ऐसे किसी हैक या Data लीक से इनकार किया गया है। स्पोक्सपर्सन ने कहा कि डेटा को कंपनी का नाम इस्तेमाल करते हुए बेचा जा रहा है, जिससे वह असली लगे।
ट्रूकालर बेच रहा
इंटेलिजेंस फर्म Cyble ने एक ब्लॉग पोस्ट में लिखा है, ‘हमारे रिसर्चर्स को एक बड़े सेलर का पता चला है जो 475 लाख इंडियन ट्रूकॉलर रेकॉर्ड्स बेच रहा है और इनकी कीमत 1000 डॉलर (करीब 75,000 रुपये) रखी गई है। यह डेटा 2019 का है और इतनी कम कीमत पर करोड़ों यूजर्स का डेटा मिलना हैरान करता है।’ फर्म की ओर से कहा गया कि बेचे जा रहे डेटा में फोन नंबर, जेंडर, शहर, मोबाइल नेटवर्क का नाम से लेकर फेसबुक आईडी तक शामिल हैं।
ट्रूकॉलर ने कहा- डेटा सेफ
Cyble ने कहा, ‘कंपनी के रिसर्चर्स अपने एनालिसिस पर आगे भी काम कर रहे हैं लेकिन एक बात साफ है कि इस लीक की मदद से ढेर सारे यूजर्स पर असर हो सकता है। ऐसे यूजर्स को स्पैम्स के अलावा स्कैम्स का शिकार बनाया जा सकता है। साथ ही लीक डेटा की मदद से पहचान चुराए जाने जैसे काम भी किए जा सकते हैं।’ हालांकि, इस बारे में सवाल किए जाने पर ट्रूकॉलर स्पोक्सपर्सन ने डेटाबेस में किसी भी तरह का लीक होने से पूरी तरह इनकार किया और कहा कि यूजर्स का डेटा पूरी तरह सेफ है।
फर्जी डेटा होने का दावा
ट्रूकॉलर की ओर से कहा गया है कि कंपनी को ऐसी ही सेल की जानकारी मई, 2019 में भी मिली थी। स्पोक्सपर्सन ने कहा, ‘हम अपने यूजर्स की प्रिवेसी और सर्विसेज को गंभीरता से लेते हैं और हर तरह की ऐक्टिविटी को मॉनीटर करते हैं। पुराने डेटासेट को ही वापस लाने के बाद इसपर ट्रूकॉलर का फर्जी स्टाम्प लगा दिया गया है। ऐसा करने से डेटा खरीदने वालों को इसकी सच्चाई पर यकीन हो जाता है लेकिन यह ट्रूकॉलर का डेटा नहीं है।’ कंपनी की ओर से यूजर्स को फेक डेटा के स्कैम से बचकर रहने की सलाह दी गई है।
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