साइबर हमले के बाद अमेरिका में लगी इमरजेंसी

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अमेरिका में देश की सबसे बड़ी ईंधन पाइपलाइन पर साइबर अटैक के बाद देश में इमरजेंसी लगा दी गई है. कोरोना महामारी का फायदा उठाते हुए जहाँ हैकरों ने इस काम को अंजाम दिया है.

कोलोनियल पाइपलाइन से प्रतिदिन 25 लाख बैरल तेल जाता है. अमेरिका के ईस्ट कोस्ट के राज्यों में डीज़ल, गैस और जेट ईंधन की 45% आपूर्ति इसी पाइपलाइन से होती है.

पाइपलाइन पर हुए साइबर हमले के बाद अभी उस लाइन की मरम्मत की जा रही है.

इमरजेंसी को मद्देनज़र रखते हुए अब ईंधन की सप्लाई पाइपलाइन के बजाय सड़क मार्ग से की जाएगी.

जानकारों के हिसाब से इस साइबर हमले के देश में तेल कि कीमतों में उछाल आएगा. 2-3% की वृद्धि का अनुमान लगाया जा रहा है. हलाकि जानकारों ने ये भी चेताया कि अगर तुरंत कुछ नहीं किया गया तो इसका असर और व्यापक हो सकता है.

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इन्होंने किया हमला

कई सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि ये रैन्समवेयर हमला डार्कसाइड नाम के एक साइबर-अपराधी गिरोह ने किया है.

कई दिनों से हमले कि तैयारी चल रही थी. और इसी कड़ी में हैकरों ने 100 GB डाटा अपने कब्ज़े में ले लिया था.

इसके बाद हैकरों ने कुछ कंप्यूटरों और सर्वरों पर डेटा को लॉक कर दिया और शुक्रवार को फिरौती की माँग की. धमकी में हैकरों ने पैसे कि मांग की है, और अगर डिमांड को पूरा नहीं किया गया तो सारे डाटा को इन्टरनेट पर लीक कर दिया जाएगा.

रविवार रात को उसने बताया कि उसकी चार मुख्य लाइनें ठप्प हैं और टर्मिनल से डिलीवरी प्वाइंट तक ले जाने वाली कुछ छोटी लाइनें काम करने लगी हैं.

कंपनी ने कहा, “हमले का पता चलने के फ़ौरन बाद, हमने अपने सिस्टम की कुछ लाइनों को काट दिया ताकि उनपर हमला ना हो सके. इससे कुछ समय के लिए हमारे सभी पाइपलाइनों और कुछ आईटी सिस्टम का काम रूक गया, जिन्हें हम अब ठीक करने के लिए काम कर रहे हैं.”

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कैसे हुआ साइबर अटैक

जानकारों के मनना है कि ये साइबर हमला कोरोना महामरी की वजह से हुआ है. महामरी के दौरान लगभग इंजिनियर अपने घरों से काम कर रहे है और उनका सर्वर वीक हो सकता है. जानकारों ने इसपर भी सहमति जताई कि डार्कसाइड ने टीमव्यूअर और माइक्रोसॉफ़्ट रिमोट डेस्कटॉप जैसे रिमोट डेस्कटॉप सॉफ़्टवेयर से जुड़े एकाउंटों के लॉगिन डिटेल ख़रीद लिए.

कोई भी शख़्स शोडान जैसे सर्च इंजिन पर इंटरनेट से जुड़े कंप्यूटरों के लॉगिन पोर्टल्स की जानकारी हासिल कर सकता है और उसके बाद हैकर यूज़रनेम और पासवर्ड से खातों में लॉगिन करने की कोशिश करते रहते हैं.

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