‘सीटी स्कैन से नहीं होता कैंसर, गुलेरिया का बयान गलत’
कोरोना संक्रमण की जांच के लिए इन दिनों डॉक्टर्स मरीजों को अन्य जांचों के साथ ही चेस्ट का सीटी स्कैन कराने की सलाह दे रहे हैं. इसके जरिये चेस्ट में संक्रमण की स्थिति का पता चल जा रहा है. पर हाल में ही एम्स के डायरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया ने यह कह लोगों में डर पैदा कर दिया कि सीटी स्कैन कराने से कैंसर का खतरा है. उनका कहना है था कि एक सीटी स्कैन 300-400 एक्स-रे के बराबर होता है और बिना जरूरत बार-बार सीटी स्कैन आगे चलकर नुकसान पहुंचा सकता है. पर खास ये कि डॉ गुलेरिया के इस बयान को इंडियन रेडियोलॉजिकल एंड इमेजिंग एसोसिएशन (IRIA) ने गलत बताया है. एसोसिएशन की ओर से एक बयान जारी कर कहा गया है कि सीटी स्कैन से डरने या घबराने की जरूरत नहीं है. डॉ गुलेरिया का बयान गलत जानकारी पर आधारित और पूरा तरह गलत है.
यह भी पढ़ें : 11 साल बाद पर्यावरण में घटा CO2 का स्तर
डॉ गुलेरिया का बयान गैर जिम्मेदाराना
एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ सी अमरनाथ ने डॉ गुलेरिया के बयान पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा है कि सीटी स्कैन से न केवल संक्रमण की गंभीरता का पता चल पाता है, बल्कि इससे आगे के लिए कोविड मैनेजमेंट की प्रभावी योजना बनाने में भी काफी मदद मिलती है. उन्होंने कहा कि इतनी वरिष्ठ हेल्थ अथॉरिटीज की तरफ से इस तरह का अवैज्ञानिक और गैर-जिम्मेदाराना बयान देना लोगों के बीच भ्रम की स्थिति को और बढ़ाने का ही काम करेगा और इससे कोरोना के खिलाफ चल रही लड़ाई को भी नुकसान पहुंचेगा. उन्होंने कहा कि इस तरह के बयानों से बचा जाना चाहिए, क्योंकि लोग पहले से ही कोविड की वजह से काफी परेशान हैं.
यह बी पढ़ें : बीएचयू हास्पिटल में लापरवाही का आरोप, एमएस का इस्तीफा
ऐसी बात बहुत पुरानी है.
IRIA की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि ऐसी स्थिति 30-40 साल पहले हुआ करती थी, जबकि आज के आधुनिक युग में जिन सीटी स्कैनर्स का उपयोग जांच के लिए किया जाता है, उनमें अल्ट्रा लो डोज यानी बेहद कम या हल्की रेडिएशन का इस्तेमाल किया जाता है, जो तुलनात्मक रूप से केवल 5-10 एक्स-रे के बराबर होती है. इसलिए इससे किसी तरह का खतरा होने या कैंसर की संभावना बढ़ने की संभावना बहुत कम होती है.