कोरोना से रिकवर हुए मरीजों के लिए नई मुश्किल!

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अगर आप उन लोगों में से हैं जिन्हें कोरोना संक्रमण हुआ था और अब रिकवर हो रहे हैं या हो चुके हैं, तो आपके लिए बुरी खबर है। अगर अब आप कोई हेल्थ इंश्योरेंस या लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी लेने की सोच रहे हैं तो बीमा कंपनियां शायद आपको इनकार कर सकती है या आपको इसके लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है।

इंश्योरेंस मिलने में मुश्किल

विजनेस टूडे में छपी खबर के मुताबिक लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस बेचने वाली कंपनियां कोरोना से रिकवर मरीजों के लिए सख्त नियम अपना रहीं है। ज्यादातर मामलों में उन्हें छह महीनों तक का लंबा इंतजार करवाया जा रहा है।

इंश्योरेंस के लिए लंबा इंतजार

पॉलिसी बाजार के हेल्थ इंश्योरेंस हेड, अमित छाबड़ा के मुताबिक ‘बीमा कंपनियां इस बारे में आश्वस्त नहीं हैं कि कोरोना का लॉन्ग टर्म असर आखिर क्या होगा होगा, इसलिए कोविड-19 से रिकवर हुए लोगों के लिए अलग अलग कंपनियां अलग-अलग नियम अपना रही हैं। कुछ कंपनियां तीन या छह महीने का इंतजार करने को कह रही हैं, कुछ तो किसी तरह का कूल ऑफ पीरियड भी नहीं दे रही हैं।’

कड़े हुए हेल्थ इंश्योरेंस के नियम

कोरोना से रिकवर हुए मरीजों के लिए इंश्योरेंस लेना कितना मुश्किल होने वाला है इसको ऐसे समझिए कि जब भी ऐसे लोग हेल्थ या लाइफ इंश्योरेंस लेने जाएंगे इन्हें अपनी सेहत से जुड़ी सभी जानकारियां जमा करनी होंगी। जैसे हॉस्पिटल से मिली डिस्चार्ज समरी, कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट वगैरह।

जब आप प्रपोलज फॉर्म भरेंगे तो कंपनी की अंडरराइटिंग टीम हो सकता है आपके पास भी आए और ज्यादा गहराई में जाकर डिटेल्स मांगे। इसके बाद आपकी सेहत को देखते हुए बीमा कंपनी आपके प्रपोजल फॉर्म का मंजूर या नामंजूर कर सकती है। कुछ हालातों में तो कोविड से रिकवर मरीजों को पॉलिसी लेने से पहले मेडिकल टेस्ट से भी गुजरना होगा।

क्या कहते हैं आईसीआईसीआई के अधिकारी ?

आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस के चीफ-अंडरराइटिंग (क्लेम्स ऐंड रीइम्बर्स) संजय दत्ता का कहना है कि कोरोना से रिकवर हुए मरीज के लिए बीमा कंपनियां टेस्ट की बारीकी बढ़ा सकती हैं। कोरोना शरीर के कई अंगों जैसे फेफड़े, दिल, वगैरह पर लंबी अवधि में असर डालता है। इसकी नई लहर आने की वजह से मेडिकल क्षेत्र के लोग भी अभी धीरे-धीरे यह सीख रहे हैं कि इसका लॉन्ग टर्म में असर क्या होगा।

कठिन हुआ लाइफ इंश्योरेंस का नियम

जीवन बीमा के मामले में कंपनियां ज्यादा कठोर नियम अपना रही हैं। इंडस्ट्री के सूत्रों के मुताबिक कोविड से नेगेटिव हुए लोग अगर कोई नई बीमा पॉलिसी चाहते है। तो ज्यादातर कंपनियां दो से तीन महीने के वेटिंग पीरियड तक इंतजार करने को कह रही हैं। इसके अलावा कोविड से उपचार का पूरा मेडिकल रिकॉर्ड और वैक्सीनेशन का डिटेल भी मांगा जा सकता है।

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