भीमा कोरेगांव हिंसा : नजरबंद रहेंगे तीन कार्यकर्ता, जमानत याचिका खारिज

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पुणे सेशंस कोर्ट ने भीमा कोरेगांव हिंसा में आरोपी अरुण फेरेरा, वर्नोन गॉनजैल्विस और सुधा भारद्वाज की जमानत याचिका खारिज कर दी है। वर्तमान में तीनों आरोपी नजरबंद हैं जो आज खत्म होनी थी। अब पुणे की सत्र अदालत के फैसले के बाद तीनों आरोपियों की हिरासत बढ़ा दी गई है। इसके अलावा इस मामले में 2 अन्य आरोपी ऐक्टिविस्ट की गिरफ्तारी पर भी सुप्रीम कोर्ट का फैसला आना बाकी है।

ये लोग किए गए थे नजरबंद

बता दें कि महाराष्ट्र पुलिस ने पांच कार्यकर्ताओं- वरवर राव, अरुण फेरेरा, वर्नोन गॉनसैल्विस, सुधा भारद्वाज और गौतम नवलखा को कोरेगांव भीमा हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। भीमा कोरेगांव में हुई हिंसा के सिलसिले में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर महाराष्ट्र पुलिस ने पांचों को 28 अगस्त को गिरफ्तार किया था। उसके बाद से ये कार्यकर्ता नजरबंद थे। हालांकि गौतम नवलखा को दिल्ली हाई कोर्ट ने रिहा कर दिया था।

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जातीय हिंसा भड़काने के आरोप में किया गया गिरफ्तार

इसके बाद बॉम्बे हाई कोर्ट ने गौतम नवलखा और प्रोफेसर आनंद तेलतुंबड़े दोनों की गिरफ्तारी पर 26 अक्टूबर तक फैसला ना लेने की बात कही थी। बता दें कि इस साल की शुरुआत में पुणे के पास भीमा-कोरेगांव में जातीय हिंसा भड़क गई थी। इस हिंसा में 1 की मौत हो गई थी, जिसके बाद पूरे महाराष्ट्र के अलग-अलग जिलों में हिंसा फैल गई थी।

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