लॉकडाउन: ट्रेन ना मिली तो स्कूटी से ही तय किया मुम्बई से बनारस का सफर

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कोरोना की दहशत के बीच मजबूरी का दूसरा नाम बन चुका है लॉकडाउन। लॉकडाउन की मार से समाज का हर तबका बेहाल है। सबसे अधिक मार उन लोगों पर पड़ रही है जो रोजगार के लिए दूसरे शहरों में अभी तक रहते थे। लॉकडाउन के बाद हर किसी की अपने घर जाने की जल्दी है। लेकिन बहुत कम लोग ही खुशनसीब हैं, जो इसमें कामयाब हो पाए हैं। घर जाने की जद्दोजहद में लोग तमाम जतन कर रहे हैं। इन्हीं लोगों में शामिल है सोनभद्र का एक युवक जिसने मायानगरी मुम्बई से अपने गांव का सफर स्कूटी से तय किया।

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दो दिन में तय किया 1700 किमी का सफर

पेशे से इंजीनियर यह युवक पिछले कुछ महीनों से मुम्बई रह रहा था। मुम्बई में लॉकडाउन के बाद युवक के सामने खाने पीने के साथ दूसरी समस्या सामने आने लगी। लिहाजा उसने घर जाने की ठानी, लेकिन परेशानी ये थी कि ना तो हवाई जहाज चल रहे थे और ना ही ट्रेन और बस। कोई चारा ना देख युवक अपनी स्कूटी लेकर ही अपने गांव के लिए निकल गया। इस दौरान युवक ने 1700 किमी का सफर लगभग 58 घंटे में तय किया। युवक नासिक, भोपाल और जालौन में रुका। सफर तय करने के लिए उसने स्कूटी में 40 लीटर पेट्रोल भरवाया।

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पैदल ही चल पड़े हैं घर

कई तो ऐसे भी लोग हैं जो पैदल ही अपने घरों की ओर चल पड़े हैं। हाई वे पर कई ऐसे लोग दिखे जिन्हें अपनों के पास पहुंचने की जल्दी थी, लेकिन लॉकडाउन के आगे बेबस दिखे। बावजूद इसके हौसला रखते हुए ये लोग पैदल ही चल पड़े हैं।

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