चैत्र नवरात्र की शुरुआत 25 मार्च से हो रही है। इस दौरान लोगबाग घरों में कलश स्थापित कर देवी दुर्गा की आराधना करते हैं। लोगों के घरों में नौ दिन तक दुर्गा सप्तशती का पाठ और हवन पूजन होता है।
लोग पुरोहित को बुलाकर विधिवत पूजन की संपन्न कराते हैं। यही कारण है कि हर नवरात्र में पंडित जी की डिमांड बढ़ जाती है। एक-एक पंडित जी को कई-कई घरों में पूजन कराने का न्योता रहता है। पर इस बार की स्थिति थोड़ी अलग दिखायी दे रही है।
पूजा तो तकरीबन हर घर में होगा ही पर पंडित जी को घर बुलाने से लोग परहेज बरत रहे हैं। इसका कारण कुछ और नहीं बल्कि किलर कोरोना है। जी हां कोरोना वायरस का खौफ उन्हें पंडित जी को घर बुलाने से रोक रहा है। कितनों ने ही पंडित जी लेागो को वर्क फ्रॉम होम का ऑफर दिया है यानि कि वे पंडित जी वीडियो कॉल के जरिये घर से ही पूजा संपन्न करायेंगे।
पंडित जी ऑनलाइन करा दो पूजा-
लोगों का मानना है कि पंडित जी कई घरों में पूजा करा कर आयेंगे। हो सकता है कि वो अपने साथ किलर कोरोना का वायरस भी साथ लेते आये। इससे बेहतर है कि बिना पंडित जी के ही पूजा करा ली जाये। वाराणसी के धनंजय अग्रवाल ऐसे ही एक व्यक्ति हैं। कोरोना के डर से उन्होंने अपने यहां पूजा कराने के लिए पंडित जी को न्योता नहीं दिया है। उनका कहना है कि जान है तो जहान है। उन्होंने पंडित जी वीडियो कॉलिंग के जरिये पूजा कराने को कहा है। कुछ ऐसा ही लंका की रहने वाली सुनीता मिश्रा का भी कहना है। उन्होंने कहा कि मैं तो यूट्यूब पर देख कर मां की पूजा करूंगी। पंडित जी को घर बुलाने से वायरस का खतरा है।
संकल्प दिलायेंगे ऑनलाइन-
सिर्फ भक्त ही नहीं पंडित जी भी पूजा कराने जाने से हिचक रहे हैं। पंडित रामयश उपाध्याय कहते हैं कि इस समय पूजा करने वाले और कराने वाले दोनों को संक्रमण का खतरा है। बताया कि उन्होंने अपने कई यजमानों को किसी और से पूजा कराने के लिए कहा है। कुछ को उन्होंने घर से पूजा करा देने की भी पेशकश की है। बताया कि पूजन विधि वीडियो कॉल के जरिये हो जायेगा। सप्तशती पाठ भी यजमान से संकल्प दिलाने के बाद घर से ही जायेगा। पंडित योगेन्द्र तिवारी बताते हैं कि यजमान से संकल्प दिलाने के बाद उसी के नाम से पाठ या पूजन का फल यजमान को ही मिलता है। यह शास्त्र सम्मत भी है।
कलश स्थापना का शुभ मुहुर्त-
इस बार का नवरात्र नौ दिनों का है। जो 25 मार्च से शुरू होकर दो अप्रैल तक रहेगा। नवरात्र के पहले दिन प्रतिपदा को अभिजीत मुहूर्त में कलश स्थापना को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। इस नवरात्र उदयातिथी में प्रतिपदा 25 मार्च, बुधवार को मिल रहा है। पं विमल जैन के अनुसार अभिजीत मुहूर्त दिन में 11.34 बजे से लेकर 12.26 तक है। इस दौरान कलश स्थापना व पूजन का शुभ मुहुर्त है। नवरात्र में मां के भक्त नौ दिन का व्रत भी रखते हैं। व्रत का पारण दश्मी तिथि तीन अप्रैल को होगा।
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