Corona effect: लखनऊ में होम डिलीवरी सर्विस निकली फिसड्डी

लोगों को तीसरे दिन भी छकाया

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Corona effect: लखनऊ जिला प्रशासन भले ही बढ़चढ़कर दावे करे मगर लोगों को जरूरत की ग्रासरी सामान ठीक ढंग से मिल नहीं रहा है। अधिकांश दुकानें ऊंचे दामों पर किराने का सामान बेच रही हैं।

स्पेंसर विवेकखंड का फोन लगातार एंगेज

लखनऊ में होम डिलीवरी सर्विस के लिए 0522-4000458 स्पेंसर में फोन किया गया तो लगातार दूसरे दिन नंबर एंगेज बताया गया। यह तो महज उदाहरण हैं। लखनऊ में होम डिलीवरी सर्विस ने लोगों को खूब छकाया। लोगों का कहना है जब हमें घर पर सामान नहीं मिलेगा तो बाहर तो निकलना ही पड़ेगा सबसे बड़ी बात है कि बाजार में इतना सामान भी अब मौजूद नहीं है कि ले आकर रख लें। ऐसे में समझ नहीं आ रहा कि क्या करें।।

सब्जियां आदि तो ठेले पर आ रही हैं पर ग्रासरी का सामान अधिक दामों पर खरीदना पड़ रहा है।

गंध ऐसी कि फेंकना पड़ा टमाटर

एक अखबार से वरिष्ठ नागरिक भागवत प्रसाद गुप्ता और उनकी पत्नी रागिनी गुप्ता जो गोमतीनगर विस्तार के कल्पतरु अपार्टमेंट में रहते हैं, अपना दुख साझा किया। भागवत हृदय रोगी हैं।

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गोमतीनगर फैमिली बाजार से सामान नहीं पहुंचा

उन्होंने गुरुवार को शासन द्वारा जारी लिस्ट में दिए गए गोमतीनगर फैमिली बाजार के नंबर पर सामान की लिस्ट भेजी थी, लेकिन शुक्रवार तक सामान नहीं पहुंचा। डोर स्टेप से कुछ सब्जियां मंगाई थीं, वो शुक्रवार को आ तो गईं, लेकिन टमाटर सड़ा था। गंध के कारण उसे तुरंत फेंकना पड़ा।

डिलीवरी ब्वॉय नहीं

गोमतीनगर विस्तार निवासी भागवत गुप्ता कहते हैं कि फैमिली बाजार में मौजूद सुरेश ने बताया कि डिलीवरी ब्वाय की कमी से सामान पहुंच नहीं पा रहा है।

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वहीं ममता सिंह ने बताया कि पॉलीटेक्निक के आसपास से सामान मंगाने के लिए दिए गए नंबरों 8317018356, 8840167155 पर फोन किया तो कोई रिस्पांस नहीं मिला।

फोन नंबरों का कोई मतलब नहीं

वहीं 8317018356 पर काल फारवर्ड है। जयश्री ने राजाजीपुरम के लिए दिए नंबर पर कई बार फोन किया, लेकिन रिसीव नहीं हुआ। इसके अलावा 79005391340 पर भी कोई रिस्पांस नहीं मिला।

कोई रिस्पांस नहीं

7905802929, 9717332234, 9610113093, लगातार व्यस्त मिला। जबकि 9643162759 और 9140284564 नंबर से कोई रिस्पांस नहीं मिला। इसी तरह 9919034025, 9838503366 बंद मिले जबकि 9936977767 का इस्तेमाल ही नहीं हो रहा था, जबकि 9643162759 पर काल फारवर्ड बताती रही।
कुल मिलाकर हालत यह है कि नागरिकों को सड़कों पर निकलना पड़ रहा है। पुलिस के डंडों का भय उन्हें लगातार सता रहा है।

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