लगातार फ़ोन चलाने से जा सकती है आँखों की रोशनी, हो जाएं सावधान

यदि आप फ़ोन या कंप्यूटर के सामने घंटों बैठते है तो ये आपके आंखों के लिए काफी नुकसानदायक साबित हो सकता है।

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यदि आप फ़ोन या कंप्यूटर के सामने घंटों बैठते है तो ये आपके आंखों के लिए काफी नुकसानदायक साबित हो सकता है। मोबाइल फ़ोन या कंप्यूटर से निकलने वाली किरणें आपके आँखों को हमेशा के लिए ख़राब कर सकती हैं। यदि आप नग्न आँखों से मोबाइल या कंप्यूटर स्क्रीन पर घंटो ध्यान लगाते है, तो ये खबर आपको सावधान करने के लिए काफी है।

देर तक फोन चलाना:

डॉक्टरों ने माना है की देर तक फ़ोन चलाने तथा सूर्य के किरणों के सीधे संपर्क में आने से ऑंखों को गंभीर नुकसान पहुँचता है, जो आगे चल के आपके पुतलियों के ख़राब होने का मुख्या कारण बनता है। यदि आप चश्मे एवं कांटेक्ट लेंस के बिना ज्यादा समय स्क्रीन पर देते है तो आप जानबूझकर एक गंभीर बीमारी को न्योता दे रहे है।

क्रिस्टोकेनस:

जब हम अपने आँखों की सुरक्षा का ध्यान नहीं देते है तो एक समय ऐसा आता है जब आँखों की पुतलिया फैलने लगती हैं और कुछ दिनों बाद रोशनी लगभग खत्म हो जाती है। आँखों की इस बीमारी को ‘क्रिस्टोकेनस’ कहा जाता है। आज कल के युवाओं में अब ये बीमारी सामान्य हो चुकी है। ऐसा नहीं है की इस बीमारी का इलाज संभव नहीं है। अगर समय रहते आप अपने आँखों की जाँच कराने से इस बीमारी को पकड़ा जा सकता है। और तत्काल इलाज करा लेने से इस बीमारी को वही पर रोका जा सकता है।

नेत्र विशेषज्ञों द्वारा जाँच:

इसकी जाँच नेत्र विशेषज्ञों द्वारा एक विशेष प्रकार के परीक्षण से की जाती है, जिसको पेंटाकैम कहते है। इस विधि के जरिए आँखों को स्कैन किया जाता है, जिसमे आँखों के आतंरिक एवं बाहय क्षेत्रों की एक तस्वीर ली जाती है। जिसके द्वारा ऐसी बिमारियों का पता चलता है। बीमारी के पता चलने के बाद नेत्र विशेषज्ञ C3R विधि तथा UV RAYS द्वारा आँखों की पुतलियों पर दबाव डाला जाता है। जिसके द्वारा उन पुतलियों को मजबूती प्रदान कर दी जाती जाती है। इसलिए समय रहते अगर इस बीमारी का पता चल जाएँ तो नेत्र विशेषज्ञों के देख रेख में इससे निजात पाया जा सकता है।

 

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